रांची/झारखंड – अगर आप घूमने-फिरने के साथ कुछ अलग और रोमांचक एक्सपीरियंस चाहते हैं, तो तैयार हो जाइए! झारखंड अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहाँ आम लोग अब असली कोयला खदानों का दौरा कर सकेंगे – और वो भी टूर गाइड, खाना, और घूमने के पूरे पैकेज के साथ!
राज्य सरकार और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) की साझेदारी से 5 अगस्त से माइनिंग टूरिज्म प्रोजेक्ट की औपचारिक शुरुआत की जा रही है। इसका उद्देश्य है – झारखंड की खनिज संपदा को न सिर्फ दिखाना, बल्कि उसे पर्यटकों के लिए अनुभव में बदलना।
मंदिर दर्शन + खदान एक्सपीरियंस – ये हैं पैकेज डिटेल्स
पर्यटन विभाग द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, शुरू में दो प्रमुख टूर पैकेज उपलब्ध होंगे:
- रजरप्पा मंदिर + उरीमारी कोल माइंस विजिट: ₹2800 प्रति व्यक्ति (GST अतिरिक्त)
- पतरातू घाटी + खदान सैर: ₹2500 प्रति व्यक्ति (GST अतिरिक्त)
इन पैकेज में शामिल होंगे:
नाश्ता
ट्रांसपोर्ट
प्रोफेशनल गाइड
खदान एक्सप्लोरेशन
सुरक्षा किट और हेल्थ प्रोटोकॉल
हर सप्ताह दो दिन टूर का आयोजन होगा और हर ग्रुप में 10 से 20 लोग शामिल किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि “झारखंड खनिज संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन देश और दुनिया इसके खजानों से अनजान हैं। इस पहल के जरिए हम न सिर्फ टूरिज्म को बढ़ावा देंगे बल्कि राज्य की एक अलग पहचान भी बनाएंगे।”
पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने बताया कि यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि झारखंड को ग्लोबल मैप पर लाने की रणनीति है। भविष्य में BCCL के सहयोग से और भी खनन टूरिज्म सर्किट विकसित किए जाएंगे।
क्यों है यह माइनिंग टूरिज्म खास?
- यह भारत की पहली माइनिंग टूरिज्म स्कीम है
- आम लोग अब कोल माइन के ऑपरेशन को नजदीक से देख सकेंगे
- उच्च स्तर की सुरक्षा और हेल्थ गाइडलाइंस का पालन
- ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा जल्द उपलब्ध
ट्रेंडिंग क्यों है ये खबर?
इस पहल के जरिए झारखंड पहली बार खनिज संपदा को पर्यटन से जोड़ रहा है। साथ ही, देश में इस तरह की एडवेंचर टूरिज्म पहले कभी इस स्केल पर नहीं हुई। यह ना सिर्फ राज्य की इकॉनमी को बूस्ट देगा, बल्कि लोकल गाइड्स, होटल्स, ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी फायदा होगा।