सीजी भास्कर 27 जुलाई
नई दिल्ली |
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने धर्मांतरण पर बड़ा और बहस छेड़ने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर हिंदू धर्म में छुआछूत, ऊंच-नीच और भेदभाव खत्म नहीं होते, तो धर्म परिवर्तन को कोई नहीं रोक सकता। उनका कहना है कि जब तक धर्म में समानता का भाव नहीं आता, तब तक यह सिलसिला चलता रहेगा।
स्वामी विवेकानंद और गांधीजी के विचारों का हवाला
रामजीलाल सुमन ने मीडिया से बातचीत में कहा –
“मैं जबरन या लालच में कराए जा रहे धर्मांतरण का समर्थन नहीं करता। लेकिन, अगर किसी धर्म में ही समानता नहीं है, भेदभाव है, और आज भी किसी को मंदिर में जाने से रोका जाता है, तो सोचिए, लोग क्यों मजबूर होते हैं धर्म बदलने के लिए?”
उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी ने भी यही बात कही थी –
“अगर हिंदू धर्म में समता नहीं है, और लोग खुद को दूसरे से नीचा महसूस करते हैं, तो धर्मांतरण कोई नहीं रोक पाएगा।”
“अखिलेश यादव के जाने के बाद मकान गंगाजल से धोया गया!”
सपा सांसद ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव किसी घर में जाते हैं और उनके जाने के बाद उस घर को गंगाजल से धोया जाता है, तो क्या संदेश जाता है उन लोगों को जो पहले से ही सामाजिक भेदभाव का शिकार हैं?
“ऐसे व्यवहार से पिछड़े वर्ग के लोगों को यह महसूस होता है कि वे इस धर्म के भीतर भी अलग-थलग हैं। और यही उन्हें किसी और रास्ते की ओर धकेल देता है।”
‘धर्म के ठेकेदार ही जिम्मेदार हैं धर्म परिवर्तन के लिए’
रामजीलाल सुमन का यह भी कहना है कि धर्म परिवर्तन के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी उन लोगों की है जो खुद को धर्म के रक्षक मानते हैं, लेकिन वे धर्म को समानता और समावेश का नहीं बना पाए।