उत्तराखंड , 09 मई 2025 :
Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) से मुलाकात कर राज्य की महत्वपूर्ण जल विद्युत एवं पर्यावरणीय परियोजनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने राज्य की विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड को अपनी विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अन्य राज्यों एवं केंद्रीय पूल से ऊर्जा खरीदनी पड़ती है, जिससे राज्य पर आर्थिक बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा कि राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता, आर्थिक विकास और पलायन रोकने के लिए पर्यावरणीय अनुकूल जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण अत्यंत आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने यमुना नदी की सहायक टौंस नदी पर प्रस्तावित 72 मेगावाट की त्यूनी-प्लासू जल विद्युत परियोजना के लिए 47.547 हेक्टेयर वन भूमि और राजस्व (बंजर) भूमि के शीघ्र हस्तांतरण की स्वीकृति देने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि गंगा नदी पर कई प्रस्तावित परियोजनाओं को स्वीकृति नहीं मिलने के कारण यमुना और गौरीगंगा, धौलीगंगा जैसी नदियों पर नए विकल्प तलाशे जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने राज्य की कई परियोजना का उठाया मुद्दा
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं क्षेत्र में प्रस्तावित सिरकारी भ्योल रुपसियाबगड़ जल विद्युत परियोजना का भी उल्लेख किया, जो 120 मेगावाट क्षमता की है और गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित पहली परियोजना है. उन्होंने इसके लिए 29.997 हेक्टेयर वन भूमि के हस्तांतरण और पर्यावरण स्वीकृति के प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृत करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार, विकास और ऊर्जा उत्पादन के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी.
बैठक में मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव मंदिर तक रोपवे निर्माण परियोजना को भी राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अगली बैठक में अनुमोदित करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि इस रोपवे से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, ट्रैफिक दबाव कम होगा और स्थानीय लोगों की आजीविका भी बेहतर होगी.
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश स्थित चौरासी कुटिया (बीटल्स आश्रम) के पुनरुद्धार के लिए भी केंद्रीय सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि यह आश्रम योग और आध्यात्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में उत्तराखंड की पहचान को और मजबूत करेगा. राज्य में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कैम्पा योजना के तहत रु. 404 करोड़ की विशेष सहायता की मांग की.
केंद्रीय मंत्री ने सीएम धामी को दिया आश्वासन
उन्होंने कहा कि वनाग्नि से न केवल पर्यावरण बल्कि वन संपदा और जैव विविधता को भी नुकसान हो रहा है, जिसके नियंत्रण के लिए पंचवर्षीय कार्ययोजना को तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.