सीजी भास्कर, 21 जून। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम तरौद में डायरिया के प्रकोप से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। जबकि 4 लोग गंभीर हालत में हैं। 30 से अधिक ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। ऐसे में इलाज के लिए लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में जमकर हंगामा हो गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि मृतक मोहित निषाद (40) के चाचा बिट्ठल निषाद (65) जब उल्टी दस्त से स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे, तो बालोद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश सूर्यवंशी ने उन्हें ORS का पैकेट देते हुए कहा कि ORS को शराब के साथ घोल कर न पिएं। इस टिप्पणी के बाद शिविर में बैठे ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया।
गांव में मातम और डॉक्टर को मजाक सूझ रहा- चम्मन साहू
गांव के चम्मन साहू ने बताया कि, तरौद में 30 से अधिक लोग डायरिया से पीड़ित हैं। एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। समय पर इलाज नहीं मिलने से गांव में शोक और मातम का माहौल है।
ऐसे संवेदनशील समय में जब स्वास्थ्य विभाग के सबसे वरिष्ठ अधिकारी शिविर में पहुंचे तो उन्होंने मरीज को ORS देते हुए शराब के साथ न लेने की सलाह दी। जिसे ग्रामीणों ने अपमानजनक माना। इस टिप्पणी का पीड़ित परिवार और पूरे गांव ने विरोध किया।
पुराने पाइपलाइन में लीकेज की आशंका, बोर के पानी के इस्तेमाल पर रोक
ग्राम तरौद के सरपंच धर्मेन्द्र रामटेके ने बताया कि, रावण भाठा वार्ड में करीब 20 साल पुरानी पाइपलाइन के जरिए पानी की सप्लाई होती है। इसी पाइपलाइन में लीकेज की आशंका जताई जा रही है।
फिलहाल PHE विभाग की टीम मौके पर जांच कर रही है। एहतियातन इस वार्ड में बोर के पानी के उपयोग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है।
कलाकार था मोहित, सुबह बिगड़ी तबीयत, शाम तक चली गई जान
मृतक मोहित के चचेरे भाई सुरेंद्र निषाद ने बताया कि, मोहित को शुक्रवार सुबह से ही उल्टी हो रही थी। करीब 7 बार उल्टी के बाद दोपहर में उसे परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। वह खुद पैदल चलते हुए अस्पताल के अंदर गया था।
लेकिन शाम 5 बजे अचानक उसकी मौत हो गई। जिससे पूरा गांव सदमे में है। मोहित एक लोक कलाकार था। जो सांस्कृतिक मंचों पर तबला और नाल बजाया करता था। शनिवार दोपहर 12 बजे गांव के मुक्तिधाम में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
नल के पानी से आ रहे थे कीड़े, शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीण महेंद्र दास मानिकपुरी ने बताया कि, पिछले एक महीने से नल के पानी में कीड़े निकल रहे थे। जिसकी शिकायत भी की गई थी। लेकिन किसी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। गंदे पानी की वजह से लोगों को पीने और इस्तेमाल में भारी परेशानी हो रही थी।
अब जब एक व्यक्ति की मौत हो गई, तब प्रशासन सक्रिय हुआ है। उन्होंने बताया कि लोग गुरुवार से ही अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं और मौत की खबर के बाद आज बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों की ओर दौड़े हैं।
जिला अस्पताल से लेकर प्राइवेट क्लिनिक तक 30 से ज्यादा मरीज
फिलहाल जिला अस्पताल बालोद में गैंदी बाई (55 वर्ष), मास्टर यश कुमार (10 वर्ष), नवीन साहू (27 वर्ष) और शंकर लाल ठाकुर (70 वर्ष) का इलाज जारी है। जिनकी स्थिति अभी स्थिर बताई जा रही है।
वहीं गांव के नरेश कुमार, राधिका निषाद, सूरज निषाद, नंदा, नारायण, चंद्रिका, रामकुंवर निषाद, अजय साहू, महेंद्र साहू, सोनू निषाद, दुर्गेश, दीपक, सुभाष, गणेश निषाद, धनीराम, शिवकुमार, रविशंकर और शंकरलाल निषाद का उपचार गांव के प्राथमिक अस्पताल और बालोद के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है।
CMHO बोले – नशे में लग रहे बुजुर्ग को दी थी साधारण सलाह, बात को घुमा दिया गया
CMHO डॉ. महेश सूर्यवंशी ने बताया कि, शुक्रवार रात को गांव में काफी हंगामा हुआ। ग्रामीण खराब पानी के लिए स्वास्थ्य विभाग को ही जिम्मेदार ठहरा रहे थे। शिविर में इलाज के दौरान जब एक बुजुर्ग नशे में लगे, तो मैंने सिर्फ इतना कहा कि शराब पीते समय ORS नहीं लेना चाहिए।
इससे उल्टी बढ़ सकती है। यह सामान्य सलाह थी। लेकिन लोगों ने इसे गलत अर्थ में ले लिया। फिलहाल ग्रामीणों को समझाया गया है और जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत है। उनका इलाज जारी है।