⭕ दिल्ली से दुर्ग एसपी को सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता की पहुंची तीसरी शिकायत
सीजी भास्कर, 17 दिसंबर। दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला को अमृता कामेश्वर श्रीवास्तव अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली ने तीसरी बार कंप्लेन किया है। उनकी तीसरी शिकायत एक बार फिर जुनवानी चौहान ग्रीन वैली के सिक्स फ्लोर पर स्थित उनके फ्लैट के सामने हुई असहज एक्टीविटी को लेकर है। इस बार सीधे 5 लड़के ड्रिल मशीन के साथ उनके फ्लैट के सामने आते हैं और रूक कर फ्लैट की तरफ दो लड़के सीधे इशारा करते हैं।
दरअसल यह वही फ्लैट हैं जहां 25 नवंबर की दोपहर 12.53 बजे पहली बार एक अज्ञात युवक आकर वहां रूकता है और खिड़की टटोलने की कोशिश करता है। उसकी सारी एक्टीविटी श्रीवास्तव के बंद फ्लैट के सीसीटीवी में कैद होती है। फिर 7 दिसंबर की रात लगभग पौने 2 बजे (लेट नाईट) दूसरी बार 5 लड़के आते हैं और फ्लैट की सीसीटीवी कैमरा की तरफ़ देख कर एक युवक फ्लाइंग किस करता दिखता है। फिर कल 16 दिसंबर को शाम 4:13 बजे तीसरी बार 5 लड़कों का आना, वो भी ड्रिल मशीन के साथ। दोबारा 40 मिनट के बाद सीधे घर के दरवाज़े पर आकर उंगली दिखा कर कुछ बात करना और थोड़ी देर बाद वही लड़का जिसके हाथ में ड्रिल मशीन थी वो लिफ्ट चेक करने आता है।
https://www.facebook.com/share/v/194DHasbj1/?mibextid=oFDknk
इन सब घटनाक्रम को लगातार अपने बंद फ्लैट में लगे सीसीटीवी का मोबाइल एक्सेस दिल्ली में बैठ देखने वाले श्रीवास्तव दम्पत्ति हैरान परेशान हैं। उनका एसपी को की गई लगातार शिकायत में सीधा आरोप है कि भिलाई जुनवानी स्थित चौहान ग्रीन वैली का माहौल डरावना हो गया है। देर रात अनजान युवकों की आवाजाही लगातार बनी हुई है। बिल्डिंग के पेंट हाऊस और छतों पर बाहर से लड़के आ कर नशाखोरी करते हैं। देर रात 2-3 बजे दूसरे लोगों का लगातार आना जाना यहां के निवासियों में भय पैदा कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता श्रीवास्तव दम्पत्ति इन दिनों न्यायालयीन काम से दिल्ली में हैं। उनका चौहान ग्रीन वैली भिलाई में छठवें फ्लोर पर फ्लैट हैं जिसे उन्होंने सुरक्षार्थ सीसीटीवी से लेस किया हुआ है। उनका कहना है कि विगत कुछ महीने में कैमरे के भीतर कैद एक्टिविटीज बिल्कुल भी सामान्य नहीं है। कमोबेश यही हाल चौहान ग्रीन वैली भिलाई की सभी बिल्डिंग का है। उन्होंने कहा है कि ऐसी बेरोकटोक एक्टिविटीज ही बड़े अपराध व घटना दुर्घटना कारित करती हैं, इस पर रोक न लगने से स्थानीय रहवासियों में असुरक्षा की भावना और भय बना रहता है।
उनका साफ कहना है कि ये सभी क्रियाकलाप देख कर भिलाई इस क्षेत्र में लौटने पर डर बना रहता है। आप रात को सोएं या देर से कभी घर आएं तो पता नहीं कोई घात लगाये बैठा हो और आते ही आप पर जान लेवा हमला कर दे। या आप सोए हैं और ड्रिल मशीन से खिड़की काट कर अंदर आ जाएं। आखिर 4 से 6 लोग हैं, आप कर भी क्या सकते हैं?
श्रीवास्तव दम्पत्ति ने कहा है कि पुलिस को बहुत तेज़ी से काम करना पड़ेगा। ऐसे तो भिलाई के घर में रहना, मतलब जान का खतरा बने रहना है। उन्होंने एसपी दुर्ग को लिखे पत्र में लिखा है कि भिलाई शहर में ये सब देखने के बाद, एक बार की घटना हो तो समझ आता है, ये तो आए दिन की घटना हो गई है। समझ नहीं आ रहा क्या किया जाए?