सीजी भास्कर, 26 फरवरी।
छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में CM साय, मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, मंत्री लखनलाल देवांगन, 5 विधायक और 4 पूर्व मंत्रियों के रिश्तेदार चुनाव लड़े। इनमें भाजपा के 4 और कांग्रेस विधायक का 1 रिश्तेदार शामिल है। 4 पूर्व मंत्रियों में कांग्रेस के 2 और भाजपा के 2 रिश्तेदार शामिल हैं।
वहीं इनमें हार जीत की बात करें तो CM साय के समधी और मंत्री लखनलाल के भाई जीत गए हैं। मंत्री श्यामबिहारी की बहू हार गई हैं। वहीं बीजेपी विधायकों के सभी रिश्तेदार जीते हैं, जबकि पूर्व मंत्रियों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के रिश्तेदार हार गए हैं, सिर्फ एक ने ही जीत दर्ज की है।
CM विष्णुदेव साय के समधी की बड़ी जीत
CM विष्णुदेव साय के समधी टीकाराम कंवर ने धमतरी जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 से शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को लगभग 9,500 वोटों के अंतर से हाराया। इस क्षेत्र में भाजपा को 20 साल बाद बड़ी सफलता मिली है। टीकाराम कंवर 1982 में थानेदार के पद पर थे। अब 2025 में जिला पंचायत सदस्य बने हैं।
मंत्री श्यामबिहारी की बहू को हार का सामना करना पड़ा
मनेंद्रगढ़ के झगराखांड नगर पंचायत में मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की बहू चंपा जायसवाल को हार का सामना करना पड़ा। चंपा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रही थीं। यहां से कांग्रेस की रीमा यादव को जीत मिली। इस सीट पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। उन्होंने चुनाव प्रचार भी किया था, लेकिन बहू हार गई।
पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के भतीजे मिली हार
बालोद जिले के गुरूर जनपद क्षेत्र में पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के भतीजे तोषण साहू को भाजपा समर्थित दुर्गानंद साहू ने एक हजार वोटों से पटखनी दी। तोषण साहू ने जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 से चुनाव लड़ा था। गुरूर जनपद में बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों ने 21 सीटों में से 18 सीटें जीतीं।
धमतरी में कांग्रेस विधायक की पत्नी हारीं
धमतरी से कांग्रेस विधायक ओंकार साहू की पत्नी सुनीता साहू को आमदी नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए टिकट मिला था। विधायक की पत्नी को यहां करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा की ज्योति साहू ने हराया।
भाजपा विधायक के पति निर्दलीय लड़कर जीते
बलरामपुर जिले के क्षेत्र क्रमांक 12 से भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी सुदेश पैकरा के खिलाफ भाजपा विधायक उद्धेश्वरी पैकरा के पति पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था। वे चुनाव जीत गए हैं।
कोरिया में विधायक की बेटी और बहू दोनों की जीत
कोरिया जिले में बैकुंठपुर विधायक भैयालाल राजवाड़े की बहू वंदना राजवाड़े और बेटी गीता राजवाड़े को भाजपा ने समर्थित प्रत्याशी घोषित किया था। दोनों चुनाव जीत गए हैं।
रायपुर में पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी की हार
पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे को मेयर इलेक्शन में बीजेपी की मीनल चौबे से हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मेयर एजाज ढेबर को हार मिली, वहीं उनकी पत्नी को पार्षद चुनाव में जीत मिली। यतियतन लाल वार्ड से कांग्रेस नेता जीत सिंह ने पत्नी गायत्री सिंह को मेयर पद पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया था, उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कुछ और नेताओं के रिश्तेदारों की जीत-हार जानिए
- बिलासपुर की बात करें तो बिल्हा के कांग्रेस नेता और पूर्व मंडी अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला की पत्नी अनिता शुक्ला ने जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ा था। अनिता राजेंद्र शुक्ला ने जीत दर्ज की है।
- इसी तरह कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास की पत्नी स्मृति श्रीवास ने भी लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है। हालांकि, इस बार वे क्षेत्र बदलकर चुनाव मैदान में उतरी थीं। उन्हें चुनाव में 9883 वोट मिले।
- चिरमिरी नगर निगम में कांग्रेस मेयर प्रत्याशी डॉ. विनय जायसवाल हार गए। बीजेपी के रामनरेश राय ने उन्हें 5692 वोटों से हराया है। इससे पहले डॉ विनय जायसवाल की पत्नी कंचन जायसवाल निगम चिरमिरी की मेयर थीं।
- कांकेर से भाजपा विधायक आशाराम नेताम की पत्नी सुरेखा नेताम ने जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था। लेकिन पार्टी के निर्णय पर उन्होंने नाम वापस लिया।
- कांकेर जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-1 से पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले इस क्षेत्र से चुनाव लड़ी, जिन्हें कांग्रेस की नई उभरती नेता मृदुला भास्कर ने 14000 वोटों से हराया।
- इसके अलावा जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-6 से किरण नरेटी ने चुनाव लड़ा था, जो कोंडागांव विधायक लता उसेंडी की बहन हैं। किरण नरेटी ने जीत दर्ज की है।