सीजी भास्कर, 04 मार्च । छत्तीसगढ़ राज्य में, जिन दुकानदारों और नियोजकों के पास दस या उससे अधिक श्रमिक-कर्मचारी हैं, उन्हें नए दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017 के तहत अपने व्यवसायों का पंजीकरण श्रम विभाग (Shram Vibhag) में कराना आवश्यक है। इसके लिए श्रम विभाग के सभी जिला कार्यालयों को अधिकृत किया गया है।
श्रम विभाग के जिला कार्यालय, विभागीय पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से दुकानों और स्थापनाओं का ऑनलाइन पंजीकरण करेंगे। छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना अधिनियम फरवरी माह से लागू हो चुका है, और अगले छह महीनों के भीतर इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार दुकानों और स्थापनाओं का श्रम विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
अधिनियम के अंतर्गत, लेबर कमिश्नर को मुख्य फेसिलिटेटर और लेबर इंस्पेक्टर तथा सब इंस्पेक्टर को फेसिलिटेटर के रूप में नियुक्त किया गया है। दुकानों और स्थापनाओं के पंजीकरण के लिए नियोजित श्रमिकों की संख्या के आधार पर पंजीकरण शुल्क एक हजार रुपये से लेकर अधिकतम 10 हजार रुपये तक निर्धारित किया गया है। पंजीकरण के बाद, प्रत्येक दुकान और स्थापना को श्रम पहचान संख्या के साथ एक डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
पुराने दुकान एवं स्थापना अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम और कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के तहत पंजीकृत दुकानों और स्थापनाओं को नए अधिनियम के तहत पंजीकृत (Shram Vibhag) माना जाएगा, लेकिन उन्हें नए अधिनियम के लागू होने की तिथि से छह महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए उन्हें कोई पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा।
यदि वे छह महीने बाद आवेदन करते हैं, तो नियमानुसार शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा। नियोजकों को अपनी दुकान या प्रतिष्ठान के पंजीकरण-श्रम पहचान संख्या में किसी भी संशोधन या बंदीकरण की सूचना विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से देनी होगी। उन्हें अपने कर्मचारियों के अभिलेख और पंजीकरण को इलेक्ट्रॉनिक रूप में संधारित करना अनिवार्य होगा।
हर वर्ष 15 फरवरी तक नियोजकों को विभागीय (Shram Vibhag) पोर्टल पर वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। दुकानों और प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं को रात की पाली में भी सुविधाएं प्रदान करते हुए नियोजित किया जा सकेगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश भी देना आवश्यक होगा।