सीजी भास्कर, 10 मार्च |
महाराष्ट्र पुलिस ने सोमवार को मप्र और महाराष्ट्र की सीमा के पास बड़ी कार्रवाई करते हुए गोवंश तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अमरावती जिले के धारणी थाने के 15 पुलिस जवानों की टीम ने तस्करों के कब्जे से 50 गोवंशी छुड़ा कुछ तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। इन गोवंशी को महाराष्ट्र के कत्लखानों में पहुंचाया जा रहा था। मप्र की सीमा में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई बुरहानपुर पुलिस को आइना दिखाने वाली कार्रवाई मानी जा रही है। बता दें कि बीते कई साल से खकनार थाना क्षेत्र के देड़तलाई मार्ग से गोवंशी की तस्करी कर महाराष्ट्र के कत्लखानों में पहुंचाए जा रहे हैं। इसकी जानकारी होने के बावजूद जिला पुलिस आज तक गोवंश तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई।
देड़तलाई से महाराष्ट्र जाने के चार मार्ग
- देड़तलाई से महाराष्ट्र जाने के लिए चार मार्ग उपलब्ध हैं। पहला बालापाट से बोरबन होते हुए महाराष्ट्र के गोलैंडो जाता है। दूसरा पीपरी, सागमली गांव होते हुए राजपुर व सुसराद पहुंचता है।
- तीसरा धार बेल्थड़, मोंदरा होते हुए ढाना जाता है और चौथा मार्ग चौखंडा होते हुए महाराष्ट्र के सादराबादी पहुंचता है।
- इन स्थानों तक गोवंशी पहुंचाने के बाद महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों के कत्लखानों तक पहुंचाया जाता है।
- सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर अकोला, खामगांव, बालापुर, जालना, अकोट, नगर आदि में गोवंशी पहुंचाए जाते हैं। खकनार थाने के साथ ही देड़तलाई पुलिस चौकी ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है।
देड़तलाई क्षेत्र में ही पच्चीस तस्कर
- जानकारी के अनुसार दूसरे जिलों व प्रदेशों से वाहनों में लाए जाने वाले गोवंशी खंडवा से सीधे देड़तलाई होते हुए महाराष्ट्र चले जाते हैं।
- इस मार्ग में पुलिस थाने भी कम हैं और गोरक्षकों का खतरा भी कम होने से तस्कर इसका ज्यादा उपयोग करते हैं। स्थानीय स्तर पर गोवंशी की तस्करी करने वाले छोटे वाहनों व पैदल भी गोवंशी पहुंचाते हैं।
- जानकारों के अनुसार अकेले देड़तलाई क्षेत्र में ही करीब 25 गोवंशी तस्कर सक्रिय हैं।
- इनके द्वारा स्थानीय हाट बाजारों से गोवंशी की खरीदी की जाती है।
- सोमवार को महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई के दौरान खकनार मंडल अध्यक्ष महेंद्र जोगी भी मौके पर पहुंचे।
- उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे के खिलाफ अच्छी कार्रवाई की गई है।