1 अप्रैल, 2025 :
जस्टिस एम. बेला त्रिवेदी ने मंगलवार (1 अप्रैल, 2025) को कहा कि वकील की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा बेहतर तरीके से काम जिला अदालतों और हाईकोर्ट में होता है. जस्टिस एम. बेला त्रिवेदी मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थीं. 28 मार्च को एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (AoR) पी सोमा सुंदरम पेश नहीं हुए थे, जिसे लेकर कोर्ट काफी गुस्से में था.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार पिछली सुनवाई में सोमा सुंदरम उपस्थित नहीं थे और उनकी तरफ से एडवोकेट आर नेदुमारन ने कोर्ट को बताया कि एओआर दिल्ली से बाहर हैं और तमिलनाडु जा रहे हैं. उस दिन कोर्ट ने 2 बजे तक के लिए सुनवाई टाल दी थी और एओआर को वर्चुअली पेश होने के लिए कहा था. हालांकि, सोमा सुंदरम वर्चुअली पेश नहीं हुए और एडवोकेट आर नेदुमारन ने कहा कि वह रिमोट एरिया में हैं, जिसकी वजह से उनसे फोन पर भी कॉनटेक्ट नहीं हो पा रहा है इसलिए वह वर्चुअली पेश नहीं हो सकेंगे.
कोर्ट ने इसके बाद एओआर को निर्देश दिया कि प्रूफ के तौर पर वह तमिलनाडु के टिकट के साथ पेश हों. 1 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एओआर से कहा, ‘आप फैसले को चुनौती दे रहे हैं तो क्या आपको पेपर्स को पढ़ना नहीं चाहिए. किसी स्पष्टीकरण की गुंजाइश कहां है.’ इस पर जैसे ही एओआर ने बेंच को ‘माय लर्नड फ्रेंड’ कहकर संबोधित किया तो कोर्ट ने उन्हें टोका और कहा, ‘डोंट से लर्नंड फ्रेंड. हम परेशान हैं और दुखी भी. दिन रात हम यही सब देख रहे हैं. पहले देरी के लिए माफी मांगते हैं. फिर माफी आवेदन में… ये किस तरह की भाषा है.’
जिला अदालतों और हाईकोर्ट में ज्यादा बेहतर होता है काम’, क्यों भड़क गईं सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी?
एओआर ने कोर्ट को बताया कि याचिका किसी और ने तय की है तो जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा- ‘तो क्या? इस पर आपके साइन हैं या नहीं.’ एओआर ने इस पर सहमति जताई. कोर्ट ने गुस्से में उनसे ये भी कहा, ‘हमें पेपर पढ़ने पड़ेंगे क्योंकि आप तो व्यस्त हैं और हम खाली हैं. क्या इस तरह सुप्रीम कोर्ट काम करता है. मैं एक जिला अदालत से आई हूं. मैंने वहां इस तरह का माहौल नहीं देखा है. हाईकोर्ट और जिला अदालतों में सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा बेहतर तरीके से काम होता है. ये कोई छोटी बात नहीं है. एक आम आदमी सुप्रीम कोर्ट की ओर देख रहा है. हम आपकी माफी स्वीकार नहीं करेंगे. इसे तार्किक और कानूनी अंजाम तक पहुंचाया जाएगा.’