02 अप्रैल, 2025 :
Waqf Amendment Bill 2025: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के हंगामे के बीच बुधवार (02 अप्रैल, 2025) को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करते हुए इसका बचाव किया. उन्होंने कहा कि अगर 2014 में बीजेपी सत्ता में नहीं आई होती तो पिछली कांग्रेस सरकार संसद और हवाईअड्डे की जमीन वक्फ को दे देती.
रिजिजू ने साफ कहा कि इस विधेयक का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (यूएमईईडी) विधेयक रखा जाएगा. इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की भूमि या मस्जिदों को छीनना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हिंदुस्तान में है. तो फिर हमारे देश में मुसलमान इतना गरीब क्यों है? अगर मोदी सरकार मुसलमानों के लिए काम कर रही है तो इसमें आपत्ति क्या है? ऐसे मामलों में धर्म और जाति से ऊपर उठकर देखना होगा. आज आप विरोध कर रहे हैं लेकिन सदियों तक इस बात को याद रखा जाएगा कि इसका विरोध किया गया था.’
‘रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी में कोई दखलंदाजी नहीं होगी’
केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया, ‘अब दावा करके किसी भी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अधिकार नहीं कर सकेगा. संशोधन बिल में से सेक्शन 40 को हटा दिया गया है. जो प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड है, उसमें कोई दखलंदाजी नहीं होगी. सेक्शन 40 का इतना गलत इस्तेमाल किया गया कि लाखों की संख्या में वक्फ प्रॉपर्टी बढ़ गई. मस्जिद, दरगाह छीनने का भ्रम फैलाया गया.’
रिजिजू ने इस बात पर जोर दिया कि यह विधेयक गरीब मुसलमानों और महिलाओं के हित में है और इससे संपत्तियों के प्रबंधन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. मंत्री ने स्पष्ट किया कि विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की भूमि या मस्जिदों को छीनना” नहीं है, जैसा कि विपक्ष दावा कर रहा है और यह पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं होगा.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 123 संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करके वक्फ बोर्ड को सौंप दिया. उन्होंने कहा, “अगर हमने यह संशोधन नहीं किया होता, तो संसद भवन को भी वक्फ संपत्ति के रूप में दावा किया जा सकता था.”
वक्फ बोर्ड में कौन-कौन रहेगा?
किरेन रिजिजू ने कहा, “अब वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, पिछड़े मुसलमान, महिलाएं और विशेषज्ञ गैर-मुस्लिम भी होंगे. मैं इसे विस्तार से बताना चाहता हूं मैं अपना खुद का उदाहरण देता हूं. मान लीजिए मैं मुसलमान नहीं हूं लेकिन मैं अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री हूं. फिर मैं सेंट्रल वक्फ काउंसिल का चेयरमैन बन जाता हूं. मेरे पद के बावजूद, काउंसिल में अधिकतम 4 गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं और उनमें से 2 महिला सदस्य अनिवार्य हैं.”