सीजी भास्कर, 28 अप्रैल : गरियाबंद जिले के छुरा नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला की मौत (Mahila Ki Mout) का मामला सामने आया है, जिससे परिजनों में आक्रोश फैल गया है। मृतक महिला का नाम ममता गोंड 27 वर्ष है, जो ग्राम खैरझिटी की निवासी थी और सात माह की गर्भवती थी। परिजनों का आरोप है कि अगर ममता को समय पर इलाज मिल जाता, तो उसकी जान बच सकती थी।
बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह ममता को पेट में तेज दर्द और बेचैनी महसूस हुई। परिजनों ने तुरंत महतारी एक्सप्रेस 102 एंबुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन बार-बार काल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद परिजनों को करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद एंबुलेंस सेवा ने जवाब दिया और ममता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा लाया गया। अस्पताल पहुंचने पर ममता की हालत और बिगड़ गई, लेकिन तब तक उसे इलाज नहीं मिल पाया और उसकी मौत (Mahila Ki Mout) हो गई।
ममता के परिजनों का कहना है कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी आधे घंटे तक कोई डाक्टर उसकी देखभाल के लिए नहीं आया। इस दौरान उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई और अंततः उसकी मौत हो गई। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर डीएस निषाद ने बताया कि घटना के समय वे ओपीडी में अन्य मरीजों का उपचार कर रहे थे। इमरजेंसी सूचना मिलने पर वे तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक ममता की मौत हो चुकी थी। डाक्टर ने अपनी ओर से कोई लापरवाही नहीं मानते हुए कहा कि वे समय रहते मौके पर पहुंचे थे।
परिजनों का आरोप और कार्रवाई की मांग (Mahila Ki Mout)
ममता के परिजनों ने एंबुलेंस सेवा की देरी और स्वास्थ्य कर्मियों की उदासीनता को उसकी मौत का मुख्य कारण बताया। उनका आरोप है कि ममता अस्पताल पहुंचने पर जीवित थी और सामान्य बातचीत कर रही थी, लेकिन चिकित्सा सेवा में लापरवाही के कारण उसकी जान चली गई। परिजनों ने प्रशासन से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषी स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि अस्पताल और एंबुलेंस सेवा की लापरवाही से ममता की जान गई, जो एक गंभीर समस्या को उजागर करता है। इस घटना के बाद क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चर्चा का माहौल है और लोगों ने प्रशासन से स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।