सीजी भास्कर, 28 अप्रैल : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में वित्तीय अनियमितता का एक मामला उजागर हुआ है। स्कूल शिक्षा विभाग ने पिथौरा के विकास खंड शिक्षा अधिकारी केके ठाकुर को निलंबित (BEO Suspended) कर दिया है। उल्लेखनीय है कि केके ठाकुर 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले थे।
यह मामला नेशनल हाईवे 53 के फोर लेन निर्माण से संबंधित है, जिसमें भगतदेवरी के शासकीय मिडिल स्कूल की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसके मुआवजे के रूप में सरकार ने स्कूल के नाम पर 16 लाख 61 हजार 163 रुपए जारी किए थे।
मुआवजा राशि का निजी उपयोग (BEO Suspended)
बीईओ ठाकुर ने इस राशि को बिना किसी लिखित स्वीकृति के दो साल तक अपने पास रखा और इसका निजी उपयोग किया। इसके अलावा, उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना अवकाश स्वीकृति के छुट्टी ली और इस अवधि का वेतन भी प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता और कोषालय संहिता का उल्लंघन करने के कारण उन्हें दोषी ठहराया गया। इसके बाद, स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने उनके निलंबन के आदेश जारी किए। केके ठाकुर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन जेडी ने उन्हें निलंबित करने का निर्णय दो दिन पहले ही लिया।
पहले भी रहा विवादों से नाता (BEO Suspended)
विकासखंड शिक्षा अधिकारी केके ठाकुर का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। डेढ़ साल पहले, बसना विधायक संपत अग्रवाल के मौखिक आदेश पर, बीईओ ठाकुर ने वजेपुर के एक शिक्षक को 76 दिनों के लिए अयोध्या में आम भंडारे में सेवा देने के लिए विभागीय लिखित आदेश जारी किया था। इस मामले में बीईओ ठाकुर और शिक्षक को डीईओ द्वारा नोटिस भी जारी किया गया था।