सीजी भास्कर, 28 मई। गौमांस के शक में अलीगढ में मुस्लिम व्यापारियों से मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्षी दलों ने इस मामले में योगी सरकार और पुलिस पर निशाना साधा है।
सोमवार को आप सांसद संजय सिंह ने घायलों का हाल लिया था तो वहीँ आज कांग्रेस सासंद इमरान मसूद पूर्व सांसदकुंवर दानिश अली के साथ पहुंचे और जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार को इसका जिम्मेदार बताया।
बीते शनिवार को अलहदादपुर क्षेत्र में मीट व्यापारियों के साथ कथित गौ रक्षकों ने बेरहमी से मारपीट की थी। पुलिस इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि मुस्लिम व्यापारियों का इलाज अलीगढ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
कानून-व्यवस्था चरमरा चुकी है- इमरान
घायलों से मिलने के बाद कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और आम नागरिक, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय के व्यापारी, अब सुरक्षित नहीं हैं।
मसूद ने आरोप लगाया कि मीट व्यापारियों को जानबूझकर निशाना बनाया गया है और पुलिस की मौजूदगी में उन्हें बर्बरता से पीटा गया। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ बड़े पैमाने पर मीट फैक्ट्रियाँ चलवा रही है, जिससे राजस्व भी कमा रही है, लेकिन दूसरी तरफ छोटे मीट व्यापारियों को धार्मिक उन्माद फैलाकर पिटवाया जा रहा है। ये कैसी दोहरी नीति है, आखिर सरकार किसको संरक्षण दे रही है और किसे कुचलने की कोशिश कर रही है।
इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि कुछ उपद्रवी तत्व पुलिस की गाड़ियों से व्यापारियों को जबरन खींचकर पीटने लगे। उन्होंने दावा किया कि अगर पुलिस मौके पर न होती तो उपद्रवी व्यापारियों की जान भी ले सकते थे।
घटना पर बताया ग़या अलहदादपुर में कुछ मीट दुकानदारों पर भी हमला हुआ। चश्मदीदों के अनुसार, दर्जनों की संख्या में आए कुछ अराजक तत्वों ने मारपीट की और दुकानदारों को लाठी सरिया से पीटना शुरू कर दिया। व्यापारियों में से कई को गंभीर चोटें आईं और उन्हें तुरंत जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। पीड़ितों में से एक ने बताया कि हमलावर खुद को गौरक्षक बता रहे थे और बिना किसी चेतावनी के अचानक हमला कर बैठे।
सामाजिक ताना-बाना तोड़ने का आरोप
सांसद मसूद ने घटना को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश करार दिया और कहा कि ऐसे मामलों में सरकार की चुप्पी चिंता का विषय है। बोले कि यह न सिर्फ व्यापारियों पर हमला है, बल्कि संविधान और कानून के शासन पर भी हमला है। अगर इसी तरह से लोगों को धार्मिक आधार पर निशाना बनाया जाता रहा, तो समाज में शांति और विश्वास कैसे कायम रह सकेगा।
उन्होंने कहा दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और घायल व्यापारियों को समुचित मुआवजा और सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को संसद और विधानसभा में भी उठाएगी।
क्या बोले दानिश अली?
सांसद इमरान मसूद ने ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करेगी और जनजागरण अभियान चलाएगी। हम किसी भी हाल में गरीब और मेहनतकश लोगों को इस तरह पिटने नहीं देंगे। सरकार को जवाब देना होगा कि वह किसके साथ खड़ी है, कानून के साथ या गुंडों के साथ?
वहीं पूर्व सांसद दानिश अली ने कहा कि पहलगाम और अलीगढ़ की घटना अलग अलग है, लेकिन मंशा एक ही थी। उन्होंने कहा, 'हमने एक बार दुनिया को दिखाया था कि कैसे पाकिस्तान धर्म के नाम पर निर्दोष लोगों को मारता है, लेकिन अब भारत में ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि हमें जबरन उसी खतरनाक रास्ते पर धकेला जा रहा है। दानिश अली ने सत्तारूढ़ भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर धार्मिक नफरत भड़काने का आरोप लगाया है।
