सीजी भास्कर 3 जून कांग्रेस में लंबे समय से संगठन विस्तार की कवायद चल रही है। यह कवायद अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसकी सबसे बड़ी वजह राजनीतिक गुटबाजी है। इसके चलते संगठन विस्तार के लिए कांग्रेस ने बीच का रास्ता निकालते हुए दो जिलों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। पर्यवेक्षक इन जिलों का दौरा करेंगे और अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे। इसके बाद जिलों में संगठन का विस्तार किया जाएगा।
बता दें कि संगठन ने कुछ जिलों में जिलाध्यक्षों को बदला है। वहीं कुछ जिले गुटबाजी का शिकार होकर विवादों में फंस गए थे।कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपने प्रदेश अध्यक्ष को बदलने का प्रयोग किया था। यह प्रयोग पूरी तरह असफल हुआ। कांग्रेस को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से ही संगठन के विस्तार की चर्चा तेज हो गई थी।
पहले चर्चा थी कि नगरीय निकाय चुनाव से पहले खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाध्यक्षों को बदला जाएगा, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज इस बदलाव को नहीं करा पाए।जबकि जिलाध्यक्षों में बदलाव की चर्चा से निकाय चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था। काफी समय बाद जिलाध्यक्षों को बदला गया, लेकिन पूरी तरह से नहीं। रायपुर शहर और ग्रामीण दोनों जिलाध्यक्षों को लंबे समय से बदलने की चर्चा है, लेकिन अभी तक बदलाव नहीं हो सका