सीजी भास्कर, 23 जून। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार साल की 4 नवरात्रियों में से दूसरी नवरात्रि आषाढ़ महीने में मनाई जाती है जिसे हम गुप्त नवरात्रि भी कहते हैं। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि हिंदुओं के लिए बहुत खास महत्व रखता है। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों के साथ महाविद्या की 10 देवियों की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि पर्व तांत्रिक सिद्धियों की प्राप्ति के लिए बहुत खास होता है। इस साल 6 जुलाई से 15 जुलाई, 2024 तक यह गुप्त नवरात्रि आयोजित होगी।
गौरतलब हो कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सनातन संस्कृति में आदिशक्ति देवी दुर्गा की आराधना के लिए 4 नवरात्रि पर्व का विधान है। इनमें से 2 प्रत्यक्ष नवरात्रि हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र और आश्विन माह में होती हैं जबकि दो गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ माह में मनाई जाती है। वर्ष 2024 की आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के लिए 6 जुलाई को घट स्थापना के साथ नवरात्रि पर्व की विधिवत शुरुआत होगी। नवरात्रि में घट स्थापना का विशेष महत्व है। इसे कलश स्थापना भी कहते हैं जिसके माध्यम से सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है। घट स्थापना का मुहूर्त 6 जुलाई को सुबह 5 बजकर 56 मिनट से लेकर 10 बजकर 05 मिनट तक है। इसकी स्थापना अभिजित मुहूर्त में भी की जाती है जिसका समय दोपहर में 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक है। इस नवरात्रि के नौ दिनों में 9 देवियों की पूजा की जाती है, जिन्हें देवी दुर्गा का विशेष अवतार माना गया है। नवरात्रि के पहले दिन यानि 7 जुलाई को देवी शैलपुत्री की पूजा होगी। वहीं दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा, चौथे दिन देवी कुष्मांडा, पांचवें दिन देवी स्कंदमाता, छठवें दिन देवी कात्यायनी, सातवें दिन देवी कालरात्रि, आठवें दिन देवी महागौरी और नवें दिन देवी सिद्धिदात्री की आराधना की जाएगी। विशेष – यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। CG Bhaskar इसकी पुष्टि नहीं करता है।