सीजी भास्कर, 24 अगस्त : महादेव सट्टा एप (Mahadev Satta App Scam) के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली है। शनिवार को ईडी की विशेष अदालत में दोनों की ओर से दायर गैर-जमानती वारंट रद करने की अर्जी पर सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब इस पर फैसला तीन नवंबर को आएगा। दोनों की ओर से कहा गया है कि वह तीन महीने में खुद से कोर्ट में पेश हो जाएंगे।
ईडी ने 6,000 करोड़ के (Mahadev Satta App Scam) में छत्तीसगढ़ के दुर्ग निवासी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को मुख्य आरोपित बनाया है। आरोप है कि दोनों ने अवैध आनलाइन सट्टेबाजी का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। इससे हजारों करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई। ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बार-बार समन भेजे गए, लेकिन दोनों पेश नहीं हुए। इसके बाद विशेष अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
बता दें कि सौरभ और रवि ने साल 2019 में महादेव सट्टा एप लांच किया था। शुरुआत में इस एप पर आनलाइन सट्टेबाजी होती थी। इस पर क्रिकेट, फुटबाल, टेनिस, बैडमिंटन जैसे खेलों के साथ पोकर, तीन पत्ती, वर्चुअल गेम और चुनाव को लेकर भी दांव लगाया जाता था। बाद में यह एप जुआ गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुख्यात हो गया। सिंडिकेट से 4,000 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं और अब भी देश भर में इसकी 4,000 ब्रांच हैं, जिन्हें अब दुबई से संचालित किया जा रहा है। इस मामले में ईडी, सीबीआइ और पुलिस की टीम अलग-अलग कार्रवाई कर रही है। तीन सालों में तीन हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है।