सीजी भास्कर, 11 सितंबर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लवन ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत कोयदा में लंबे समय से अवैध शराब की बिक्री से गांव का माहौल बिगड़ रहा था। (Village Liquor Crackdown)
इस स्थिति को देखते हुए गांव की महिला सरपंच रजनी दिनकर के नेतृत्व में महिलाओं ने गांव में सक्रियता दिखाई। महिला कमाण्डो से जुड़कर पूरी तरह शराब बंदी लागू की।
यह कदम ग्रामीणों की सुरक्षा और समाजिक सुधार के उद्देश्य से उठाया गया।
40 दिनों से गांव में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध है और रोजाना शाम को महिलाएं हाथ में लाठी लेकर (Village Liquor Crackdown) गांव की गलियों और मोहल्लों से गुजरती हैं। इससे गाँव का माहौल शांत हुआ और शराब पीने वाले लोग गायबहो गए।
सरपंच रजनी दिनकर का कहना है कि –
शराब समाज के लिए खतरा (Village Liquor Crackdown) है। उन्होंने पंचायत बुलाकर सामूहिक निर्णय लिया और ग्रामवासियों का समर्थन प्राप्त किया। शराब पर प्रतिबंध लागू होने के बाद से न तो किसी ने शराब पी और न ही कोई व्यक्ति बेचने का प्रयासकर पाया। महिलाओं की मेहनत और सतत निगरानी से यह सफलता संभव हुई।
महिला कमाण्डो ने बताया कि –
वे रोजाना गांव की मुख्य सड़कों और गलियों की निगरानी करती हैं। हाथ में लाठी लेकर उनकी मौजूदगी से शराब विक्रेता भयभीत हैं और अवैध गतिविधियां रुक गई हैं। इस अभियान में महिलाओं ने पूर्ण समर्पण दिखाया और सामाजिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गांव में शराब बंदी के नियमों का उल्लंघन करने पर आर्थिक दंड (Village Liquor Crackdown) का प्रावधान रखा गया है। इस कदम से लोगों में अनुशासन और सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
ग्रामीणों का कहना है कि अब गांव में कोई असामाजिक तत्व सक्रिय नहीं है और पूरे गांव में कानून एवं व्यवस्था स्थापित हो रही है।
इस पहल के तहत महिलाओं ने न केवल शराब बंदी लागू कर सामाजिक सुधार किया। बल्कि उन्हें स्वरोजगार और आत्मरक्षा की भावना भी विकसित हुई।
गांव की महिलाओं ने यह संदेश (Village Liquor Crackdown) दिया कि किसी भी सामाजिक बुराई के खिलाफ सामूहिक रूप से संघर्ष किया जा सकता है।
राज्य प्रशासन ने भी इस पहल की सराहना की है।
अधिकारियों का कहना है कि –
लवन का यह मॉडल (Village Liquor Crackdown) अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन सकता है। महिलाओं की सक्रियता और पंचायत के सहयोग से गांव में शांति और सुरक्षा का माहौल लौट आया है।
इस प्रकार, ग्राम कोयदा में शराब पर पूरी तरह रोक और महिलाओं की सतत निगरानी से सामाजिक अनुशासन मजबूत हुआ है।