सीजी भास्कर, 15 सितंबर। वंचित वर्ग के उत्थान और ग्रामीण विकास की दिशा में सरकार (Social Welfare) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। लंबे समय से डुबान क्षेत्र के मछुआ समुदाय को मछली पालन के अधिकार में बाधा आ रही थी। इस बार स्थिति बदलने की खबर ने ग्रामीणों में उत्सुकता और सस्पेंस पैदा कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रभावित मछुआ समितियों के सदस्यों से सीधे संवाद किया और उनके हितों के लिए ठोस आश्वासन दिया। इस अवसर पर ग्रामीणों के चेहरे पर राहत और उम्मीद का भाव स्पष्ट देखा गया। अब उन्हें पता है कि लंबे समय से लंबित मुद्दों का समाधान शीघ्र होने वाला है।
मुख्यमंत्री ने डुबान क्षेत्र में जनसुविधाओं के विस्तार की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इलाके में एम्बुलेंस और राष्ट्रीय बैंक शाखा शीघ्र खोली जाएगी। इस पहल से स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य सेवा और बैंकिंग सुविधा में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार गरीब और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत है और (Social Welfare) योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा रहा है।
गंगरेल डुबान क्षेत्र के तीन जिलों धमतरी, कांकेर और बालोद की 11 मछुआ सहकारी समितियों के सदस्यों ने इस फैसले का स्वागत किया। ग्राम उरपुरी, तेलगुड़ा, मोगरागहन, कोलियारी पुराना, कोलियारी नया, गंगरेल, फुटहामुड़ा, तुमाबुजुर्ग, अलोरी, भिलाई एवं देवीनवागांव के सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि अब उनका जीवन और आजीविका सुरक्षित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चल रही स्वच्छ भारत मिशन, जनधन योजना और महिला स्व-सहायता समूहों के रेडी-टू-ईट कार्यक्रम ने ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन (Social Welfare) योजनाओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
इस अवसर पर धमतरी महापौर रामू रोहरा एवं पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष हर्षिता पांडेय उपस्थित थे। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया और आशा जताई कि भविष्य में भी सरकार इसी प्रकार उनके उत्थान और सम्मान के लिए कार्य करती रहेगी।