सीजी भास्कर, 26 सितंबर। धान बेचने के लिए (Agristack Portal Registration) अब पंजीयन अनिवार्य कर दिया गया है। चालू खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 हेतु धान उपार्जन के संबंध में राज्य शासन ने भारत सरकार के एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को आधार मानकर धान खरीदी का निर्णय लिया है। पूर्व वर्ष 2024-25 तक एकीकृत किसान पंजीयन पोर्टल में पंजीकृत किसानों के लिए इस वर्ष कैरी फार्वर्ड करने का कार्य सभी धान उपार्जन समितियों में किया जा रहा है। इसमें केवल वही किसान शामिल होंगे जो एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत हैं, और उन्हीं का पंजीयन इस वर्ष मान्य होगा।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव द्वारा पंजीयन कार्य की पूर्णता हेतु लगातार निगरानी और समीक्षा की जा रही है। कृषकों के (Agristack Portal Registration) से जुड़ी समस्याओं का निराकरण किया जा चुका है। राजस्व अभिलेखों में संयुक्त खातेदार, नगरीय क्षेत्र में पंजीयन, वन अधिकारों की मान्यता पत्रक जैसी समस्याओं को भी हल कर लिया गया है। जिला कलेक्टरों के मार्गदर्शन में पंजीयन कार्य सुचारू रूप से संचालित है।
एग्रीस्टेक पोर्टल पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज
एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन हेतु कृषकों को किसी भी नजदीकी सीएससी अथवा नागरिक सेवा केन्द्र में जाकर आधार कार्ड, राजस्व अभिलेख बी-1, खसरा एवं मोबाईल नंबर के साथ पंजीयन कराना होगा। इसके बाद राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन और अनुमोदन की प्रक्रिया की जाती है। कृषकों को ध्यान रखना चाहिए कि उनके राजस्व अभिलेख में दर्ज सभी भूमियों का मिलान और प्रविष्टि (Agristack Portal Registration) में अनिवार्य रूप से दर्ज हो। यदि कोई भूमि अपंजीकृत रह गई तो किसान धान उपार्जन समितियों में धान विक्रय से वंचित हो सकते हैं।
नागरिक सेवा केन्द्रों के जरिए पंजीयन कार्य
सीएससी और नागरिक सेवा केन्द्रों के माध्यम से एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन का कार्य निरंतर जारी है। जिला प्रशासन ने पंजीयन में सहायता हेतु सभी तहसीलों के पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों, कृषि विस्तार अधिकारियों और खाद्य निरीक्षकों को निर्देशित किया है। साथ ही, सभी कृषकों से अपील की गई है कि वे समय पर पंजीयन कराएं और अंतिम समय की भीड़भाड़ तथा अनावश्यक परेशानी से बचें।