सीजी भास्कर, 11 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और नगर निगम से प्राप्त जवाबों पर संतोष जताया है। अदालत को बताया गया कि बिलासपुर में चल रही 12 सिटी बसों (City Bus Service Bilaspur) में से 9 बसें पहले से ही विभिन्न मार्गों पर परिचालन में हैं, जबकि शेष तीन बसों को 1 नवंबर 2025 से शुरू किया जाएगा।
अदालत में पेश हुई रिपोर्ट
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई हुई। राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता वाई.एस. ठाकुर उपस्थित रहे, जबकि याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज अग्रवाल, रक्षित तिवारी, ए.एस. कछवाहा, अनुरूप पांडा और डॉ. सुदीप अग्रवाल ने पैरवी की। कोर्ट के 23 सितंबर 2023 के आदेश के अनुपालन में बिलासपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की ओर से दो अलग-अलग हलफनामे (City Bus Service Bilaspur) दाखिल किए गए।
दस्तावेजों के अवलोकन के बाद अदालत ने पाया कि नगर परिवहन सेवा के अंतर्गत कुल 12 सिटी बसों में से 9 बसें पहले से परिचालित हैं। वहीं, तीन बसों के संबंध में बताया गया कि उनके संचालन के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से परमिट की प्रक्रिया (City Bus Service Bilaspur) जारी है। निगम प्रशासन ने बताया कि ये बसें 1 नवंबर से शहर के विभिन्न रूटों पर चलाई जाएंगी, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली सशक्त होगी।
अदालत के निर्देश
अदालत ने इस प्रगति को सकारात्मक बताते हुए कहा कि वह इस जनहित याचिका की निगरानी स्वयं कर रही है। अदालत ने निर्देश दिया कि नगर निगम आयुक्त 4 नवंबर 2025 को होने वाली अगली सुनवाई से पहले नया शपथपत्र दाखिल करें और सूचित करें कि क्या तीनों नई बसें निर्धारित तारीख से चालू की गईं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि शहर की परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करना सरकार की जिम्मेदारी है और यात्रियों की सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।