सीजी भास्कर, 11 अक्टूबर | (Chhattisgarh Monsoon Return 2025) — छत्तीसगढ़ में आगामी दो-तीन दिनों में मानसून की वापसी की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर छत्तीसगढ़ से दक्षिण-पश्चिम मानसून के विदाई के लिए हालात अनुकूल बन रहे हैं। वहीं, मध्य और दक्षिणी हिस्सों में अगले तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक जैसी एक्टिविटी बनी रहेगी।
पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की-से-मध्यम बारिश दर्ज की गई है। सबसे अधिक वर्षा दुर्ग जिले के भिलाई में 58.6 मिमी हुई है। वहीं, अधिकतम तापमान 32.02°C दुर्ग और न्यूनतम तापमान 19.6°C पेंड्रारोड में रिकॉर्ड किया गया।
October Rainfall Update: अब तक 109% ज्यादा बरसा पानी
अक्टूबर माह में अब तक सामान्य से 109% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सामान्यत: 8 अक्टूबर तक औसतन 28.3 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार अब तक 59.1 मिमी बारिश हुई है।
मौसम विभाग ने बताया कि 30 सितंबर तक हुई बारिश को मानसून का हिस्सा माना जाता है, जबकि इसके बाद की बारिश को पोस्ट मानसून रेन कहते हैं।
Monsoon Delay: 10 दिन की देरी से लौटेगा मानसून
प्रदेश में आमतौर पर 5 अक्टूबर के आसपास सरगुजा क्षेत्र से मानसून लौटना शुरू होता है। इस बार यह प्रक्रिया करीब 15 अक्टूबर तक होगी, यानी सामान्य से लगभग 10 दिन की देरी।
District Rainfall Highlights: बलरामपुर में सबसे अधिक पानी
अब तक प्रदेश में कुल औसत बारिश 1167.4 मिमी दर्ज की गई है। बलरामपुर में वर्षा 1520.9 मिमी रही, जो सामान्य से 52% अधिक है। वहीं, बेमेतरा में 524.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य स्तर के आसपास रही।
Lightning Explained: क्यों गिरती है बिजली
बादलों में पानी और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज बनता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल टकराते हैं, तो बिजली बनती है। सामान्यत: यह बिजली बादलों के भीतर रहती है, लेकिन कभी-कभी यह धरती तक पहुँच जाती है।
बिजली के लिए कंडक्टर की आवश्यकता होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान इसके लिए कंडक्टर बनते हैं। इनके पास या संपर्क में आने पर व्यक्ति बिजली की चपेट में आ सकता है।