सीजी भास्कर, 11 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगर निगम के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। शहर में करीब 40 हजार संपत्तियां (Property Tax Evasion Raipur) ऐसी हैं, जिनके मालिकों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इन संपत्तियों में मकान, दुकानें और भूखंड शामिल हैं, जिनसे निगम को अब तक लगभग 80 करोड़ रुपये के संपत्ति कर (Property Tax Evasion Raipur) का नुकसान हो चुका है।
2017-18 में विश्व बैंक की सहायता से हुए जीआईएस सर्वे (GIS Survey) में यह बड़ा खुलासा हुआ था। निगम के पास करीब 1.5 लाख संपत्तियों का रिकॉर्ड अधूरा पाया गया। इनमें से लगभग 40 हजार संपत्तियों के मालिक या तो बदल चुके हैं या पूरी तरह लापता हो गए हैं। कई संपत्तियों की खरीद-फरोख्त (Property Tax Evasion Raipur) हो चुकी है, लेकिन नए मालिकों की जानकारी नगर निगम तक नहीं पहुंची।
नगर निगम ने अब एक थर्ड पार्टी एजेंसी को इन गुमशुदा संपत्तियों (Property Tax Evasion Raipur) के मालिकों की तलाश का जिम्मा सौंपा है। उपायुक्त जागृति साहू ने बताया कि निगम के पास इन मालिकों के मोबाइल नंबर और पते तक नहीं हैं, जिससे वसूली मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि “जिन संपत्तियों का कर बकाया है, उन पर सरचार्ज लगातार बढ़ रहा है, इसलिए सभी स्वामियों को तुरंत स्व-निर्धारण पत्रक जमा कराना चाहिए।”
निगम की रिपोर्ट के मुताबिक, गायब संपत्तियों में करीब 12 हजार आवासीय भवन, 15 हजार व्यावसायिक दुकानें और 13 हजार भूखंड शामिल हैं। नगर निगम ने इन संपत्तियों के मालिकों तक पहुंचने के लिए थर्ड पार्टी एजेंसी को टेंडर जारी किया है। एजेंसी डेटा वेरिफिकेशन और दस्तावेज जांच के ज़रिए नए स्वामियों की पहचान करेगी।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान राजधानी में संपत्ति कर वसूली को पारदर्शी बनाने और वित्तीय नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। निगम को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया से करोड़ों रुपये का टैक्स वसूला जा सकेगा।