सीजी भास्कर, 13 अक्टूबर। Chhattisgarh Major Scam Investigations: वर्षों से जांच जारी, कार्रवाई अधर में
छत्तीसगढ़ में पिछले दो वर्षों से चल रही major scam investigations अब तक मुकम्मल न हो सकीं।
ईडी, EOW-ACB और CBI मिलकर करोड़ों रुपये से जुड़े अलग-अलग घोटालों की जांच कर रहे हैं,
लेकिन अभी तक एक भी मामला न्यायालय तक अंतिम आरोप पत्र (charge sheet) नहीं पहुँच पाया।
राज्य में इस तरह के नौ बड़े घोटालों की लंबित जांच जनता के विश्वास को कंपा रही है।
SC की डेडलाइन: 3,200 करोड़ शराब घोटाले में 90 दिन के भीतर जवाबी कार्रवाई
शराब घोटाले (3,200 करोड़) की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
न्यायालय ने ईडी और EOW-ACB को आदेश दिया है कि 90 दिनों के भीतर आखिरी आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल करें।
यह निर्देश राज्य की जांच एजेंसियों पर बड़ा दबाव बनाएगा और मामले की गति बढ़ा सकता है।
CGMSC घोटाला: 411 करोड़ की कहानी
CGMSC में 411 करोड़ रुपये के हेराफेरी मामले की जांच 2022-23 से चल रही है।
मुख्य आरोपी मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा समेत छः लोग जेल में बंद हैं।
साथ ही CGMSC के अधिकारी व ठेकेदारों के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े हैं।
कोल लेवी घोटाला: 570 करोड़ का विवाद
कोल लेवी मामले में ईडी और EOW ने संयुक्त आरोप पत्र पेश किया था।
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव, निलंबित IAS अधिकारी सहित कई नाम शामिल हैं।
हाल ही में एक 1,500 पेज का पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया गया है।
ज्ञात हो कि एजेंसी ने 10 अधिकारियों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई की सिफारिश भेजी है।
DMF फंड घोटाला: 550 करोड़ की जटिल जाँच
डीएमएफ घोटाले में 550 करोड़ रुपए के मनी मूवमेंट की जांच जारी है।
निलंबित IAS, सहायक आयुक्त, व्यवसायियों सहित 10 से अधिक लोग संलिप्त बताए जा रहे हैं।
छापे व दस्तावेजी सबूतों के आधार पर कई सप्लायर और अधिकारी जाँच के दायरे में आए हैं।
महादेव सट्टा एप: सजा नहीं, जारी आरोप
महादेव सट्टा ऐप मामले में 12 आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।
लेकिन मुख्य आरोपित और कुछ अफसरों के खिलाफ दो साल बाद भी सीबीआई ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
भूपेश बघेल पर भी इस मामले में 508 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप है।
NGO घोटाला: 1,000 करोड़ का आरोप
समाज कल्याण विभाग के 1,000 करोड़ के NGO घोटाले में CBI ने दस्तावेज जब्त किए हैं।
इसमें मुख्य सचिव, पूर्व मंत्री, अधिकारी और संस्था के निदेशक शामिल हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है।
बड़ा शराब घोटाला: 14 आरोपी जेल में
3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में 14 आरोपी जेल में बंद हैं।
इनमें पूर्व मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा, IAS अधिकारी और कई आबकारी अफसर शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर तक आरोप पत्र दाखिल करने की डेडलाइन दी है।
आगे की कहानी: उच्च न्यायालय की उम्मीद और जनता का दबाव
Chhattisgarh Major Scam Investigations के मामलों पर जनता और अदालत दोनों की निगाह है।
अगर 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल न किए गए, तो SC सख़्त कदम उठा सकती है।
इन लंबित मामलों ने राज्य में भ्रष्टाचार और उसकी परीक्षा की गंभीर छवि दी है।
अब जांच एजेंसियों को तय करना होगा — गति बढ़ाएं या जनता का विश्वास खोएं।