सीजी भास्कर, 19 अक्टूबर। कभी माओवादी हिंसा की आग में झुलसता रहा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला अब शिक्षा (ITBP Tribal Youth Success) और विकास की नई सुबह देख रहा है। यहां के 10 आदिवासी युवाओं ने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) और छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल भर्ती जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता हासिल कर प्रेरक उदाहरण पेश किया है।
इस उपलब्धि के पीछे भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 27वीं बटालियन की अहम भूमिका रही है। जवानों ने इन युवाओं को (ITBP Tribal Youth Success) के अंतर्गत करियर काउंसलिंग, फिजिकल ट्रेनिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का मार्गदर्शन दिया।
जवानों ने लिखा बदलाव का नया अध्याय
ITBP के जवानों ने अपने ही कैंप में दो वर्षों तक आदिवासी युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया। इसके परिणामस्वरूप पांच युवाओं ने SSC परीक्षा में सफलता पाई, जबकि बाकी पांच का चयन छत्तीसगढ़ पुलिस कांस्टेबल भर्ती में हुआ। इनमें दो युवा महिलाएँ भी शामिल हैं, जो अब अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। इस पहल (ITBP Tribal Youth Success) ने माओवाद प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा और आत्मनिर्भरता की नई उम्मीद जगाई है।
बंदूक नहीं, विश्वास और विकास ही असली ताकत
ITBP के कमांडिंग ऑफिसर विवेक कुमार पांडेय ने कहा, “27वीं बटालियन ने न केवल सुरक्षा सुनिश्चित की है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से 5,000 से अधिक ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।” उन्होंने बताया कि यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब विश्वास, विकास और सुरक्षा साथ आगे बढ़ते हैं, तो बंदूक की जगह कलम और भय की जगह उम्मीद जन्म लेती है।
माओवाद प्रभावित इलाकों में यह (ITBP Tribal Youth Success) न केवल सामाजिक बदलाव की मिसाल बन रही है, बल्कि यह दिखा रही है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर हर युवा अपनी दिशा बदल सकता है। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी अब शांति और प्रगति की ओर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है।