सीजी भास्कर, 6 नवंबर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्षों में जल संसाधन विभाग ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में सिंचाई तंत्र (Canal Modernization Chhattisgarh) को नई दिशा दी है। प्राथमिकता के आधार पर नहरों के पक्कीकरण और नई परियोजनाओं के निर्माण से सिंचित क्षेत्र में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब तक लगभग 90 प्रतिशत नहरों का पक्कीकरण (Canal Modernization Chhattisgarh) पूरा किया जा चुका है, जिससे 62,147 एकड़ अतिरिक्त भूमि में सिंचाई संभव हो पाई है।
राज्य गठन के समय जिले की सभी नहरें कच्ची और जीर्ण-शीर्ण स्थिति में थीं। वर्ष 2001 में जल प्रबंधन संभाग क्रमांक-2 अस्तित्व में आया, जिसके बाद शासन ने ठोस कदम उठाते हुए नहरों की रिमॉडलिंग, सीसी लाइनिंग और पक्कीकरण कार्य शुरू किया। अब जिले में 74 नई मध्यम और लघु परियोजनाओं (Canal Modernization Chhattisgarh) का निर्माण पूरा हो चुका है। परिणामस्वरूप, सिंचित क्षेत्र 2,19,790 एकड़ से बढ़कर 2,81,937 एकड़ तक पहुंच गया है।
प्रमुख परियोजनाएं
महानदी मुख्य नहर : गंगरेल बांध से निकलने वाली इस मुख्य नहर के जरिए बलौदाबाजार जिले के 4 विकासखंडों के 253 गांवों में 1,97,064 एकड़ क्षेत्र की सिंचाई हो रही है। गर्मी के मौसम में 278 गांवों के 506 तालाबों में निस्तारी जल आपूर्ति भी की जाती है।
जोंक व्यपवर्तन योजना : वर्ष 1976 में अर्जुनी गांव के पास निर्मित इस परियोजना से कसडोल ब्लॉक के 89 गांवों के 47,166 किसानों को 25,572 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिल रही है।
बलार जलाशय परियोजना : बलार नाला पर बनी इस मध्यम सिंचाई परियोजना की सिंचाई क्षमता 13,570 एकड़ है, जबकि वर्तमान में यह 16,091 एकड़ क्षेत्र को लाभान्वित कर रही है।
मध्यम एवं लघु परियोजनाएं : जिले में अब 127 परियोजनाएं हैं — जबकि राज्य स्थापना के समय यह संख्या 53 थी। इनसे वर्तमान में 43,210 एकड़ क्षेत्र में सिंचाई हो रही है।
सिंचित क्षेत्र में वृद्धि से फसलों की पैदावार में लगातार सुधार
नहरों के पक्कीकरण और सिंचाई क्षेत्र के विस्तार से बलौदाबाजार के किसानों को लगातार फायदा हो रहा है। पहले जहां किसान एक फसल पर निर्भर रहते थे, वहीं अब रबी और खरीफ दोनों मौसम में फसलें ले पा रहे हैं। सिंचाई सुविधा में सुधार से धान, गेहूं और दलहन की पैदावार में वृद्धि हुई है। किसानों के जीवन स्तर में भी बदलाव देखने को मिला है, जिससे अब गांवों में आर्थिक समृद्धि और खुशहाली बढ़ी है।
सरकार की योजनाओं से ग्रामीण इलाकों में बढ़ा जल प्रबंधन का दायरा
जल संसाधन विभाग के सिविक एक्शन प्रोग्राम और सुदृढ़ प्रबंधन प्रणाली से अब ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण और वितरण बेहतर हुआ है। विभाग द्वारा समय-समय पर की जाने वाली नहर मरम्मत और मॉनिटरिंग से पानी की बर्बादी रुकी है। विकासखंडों में तालाबों और जलाशयों का पुनर्जीवन भी जारी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मॉडल को अन्य जिलों में भी लागू करने से राज्यभर में कृषि उत्पादकता में और वृद्धि संभव है।
