सीजी भास्कर, 7 नवंबर। वन मंडल के करतला रेंज में हाथियों (Elephant Attack Korba) के बढ़ते उत्पात से किसानों में दहशत का माहौल है। बीते कुछ दिनों में करीब 39 हाथियों के विशाल झुंड ने 19 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों ने खेतों में लगी धान की फसल को रौंदने के साथ-साथ कई जगहों पर फेंसिंग और बिजली के खंभों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। सबसे अधिक नुकसान बड़मार और सुरईआरा गांव में हुआ है, जहां रात के अंधेरे में हाथियों का झुंड खेतों में घुस गया।
ग्रामीणों के अनुसार, (Elephant Attack Korba) हाथियों ने रातभर गांव के आसपास डेरा डाले रखा। उन्होंने खेतों की सुरक्षा के लिए लगाई गई फेंसिंग, तार और खंभों को तोड़ डाला। लगातार फसल नुकसान से किसानों की आजीविका पर संकट गहराता जा रहा है। कई परिवार अब अपनी सालभर की मेहनत के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह झुंड पिछले एक सप्ताह से क्षेत्र में घूम रहा है और अब तक वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।
ग्रामीणों में भय का माहौल
लगातार हो रहे नुकसान से ग्रामीण रातभर खेतों की निगरानी कर रहे हैं। कई जगहों पर किसान अपने परिवारों के साथ खेतों में डेरा डाल रहे हैं ताकि हाथियों के आने पर वे फसल को बचा सकें। (Elephant Attack Korba) के बाद से ही लोग घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के लिए वन विभाग की टीम सक्रिय है और मुनादी कराकर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
वन विभाग की टीम सक्रिय, लेकिन रेंजर से संपर्क नहीं
कोरबा वन विभाग की टीम लगातार गांवों में जाकर ग्रामीणों को अलर्ट कर रही है, लेकिन करतला रेंजर से संपर्क नहीं हो सका। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग दल को तैनात किया गया है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। फिलहाल यह झुंड जंगल में आगे बढ़ गया है, लेकिन खतरा टला नहीं है।
हाथियों के झुंड ने अब तक 19 किसानों की फसलें बर्बाद की हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, बड़मार और सुरईआरा गांव में करीब 15 एकड़ क्षेत्र की धान फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। बिजली खंभों को भी भारी नुकसान हुआ है। विभाग जल्द ही प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग तत्काल राहत राशि दे और हाथियों को आबादी क्षेत्र से हटाने के लिए स्थायी समाधान निकाले। लगातार फसल नुकसान से किसान कर्ज और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। प्रशासन ने कहा है कि प्रभावित गांवों में ड्रोन सर्वे कर वास्तविक नुकसान का आंकलन किया जाएगा।
