सीजी भास्कर, 7 नवंबर। कैंसर एक ऐसा शब्द जो अब भी लोगों के मन में डर पैदा करता है। लेकिन अब यही जंग छत्तीसगढ़ में उम्मीद की कहानी लिख रही है। राजधानी रायपुर का आंबेडकर अस्पताल (Cancer Treatment Chhattisgarh) आज उन हजारों मरीजों के लिए जीवनदायिनी जगह बन गया है, जिन्होंने मौत को मात दी है। साल 1979 में केवल एक कोबाल्ट मशीन से शुरू हुआ यह विभाग आज देश के सबसे उन्नत सरकारी कैंसर उपचार केंद्रों में गिना जाता है।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चार वर्षों में यहां कैंसर से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या (Cancer Treatment Chhattisgarh) लगातार बढ़ रही है। हर साल औसतन तीन लाख से अधिक लोग यहां इलाज कर स्वस्थ हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, नियमित फॉलोअप और जीवनशैली में सुधार से दोबारा बीमारी लौटने की संभावना बेहद कम हो जाती है। हर दिन लगभग 500-600 मरीज कैंसर विभाग पहुंचते हैं, जिनमें 100 से अधिक भर्ती रहते हैं।
मुफ्त जांच और आधुनिक सुविधाएं
आंबेडकर अस्पताल में कैंसर के इलाज (Cancer Treatment Chhattisgarh) के लिए सभी जांच और उपचार पूरी तरह निशुल्क हैं। निजी अस्पतालों की तुलना में यहां मरीजों का 5 से 7 लाख रुपये तक का खर्च बचता है। यहां बायोप्सी, सीटी स्कैन, एमआरआइ, पीईटी स्कैन, आइएचसी, ब्लड टेस्ट, और ट्यूमर मार्कर जांचें मुफ्त उपलब्ध हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड, ओडिशा और मध्यप्रदेश से भी मरीज यहां इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
वर्षवार मरीजों की संख्या
2021: 3,74,424 मरीज
2022: 4,00,181 मरीज
2023: 3,45,585 मरीज
2024: 2,53,022 मरीज
हर रोज सैकड़ों मरीजों को जीवनदान
विभाग के पास दो लिनैक (Linear Accelerator) मशीनें और एक कोबाल्ट मशीन हैं, जिनसे रेडिएशन थेरेपी दी जाती है। यह तकनीक कैंसरग्रस्त कोशिकाओं (Cancer Treatment Chhattisgarh) को सटीकता से नष्ट करती है और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान से बचाती है। हर दिन करीब 600 मरीज यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं। कई मरीज पहले प्राइवेट अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च कर चुके होते हैं, पर अब यहां पूरी तरह मुफ्त और आधुनिक इलाज पा रहे हैं।
कैंसर के प्रमुख प्रकार
स्तन कैंसर
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर
फेफड़ों का कैंसर
मुख या गले का कैंसर
लिवर कैंसर
ब्लड कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर
छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मौखिक कैंसर (तंबाकू सेवन से जुड़ा) 60% से अधिक देखा गया है।
रोकथाम ही सबसे बड़ा बचाव
तंबाकू और शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें।
फल, सब्ज़ियां और फाइबर युक्त आहार लें।
नियमित योग और व्यायाम करें।
धूप और प्रदूषण से बचें।
एचपीवी और हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन लगवाएं।
40 वर्ष की उम्र के बाद मैमोग्राफी, पैप स्मीयर और ब्लड स्कैनिंग करवाएं।
