सीजी भास्कर, 7 नवंबर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम में शिक्षकों (Education Impact Chhattisgarh) की ड्यूटी लगने से स्कूलों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इसका असर अब परीक्षा परिणामों में भी साफ दिखाई देने लगा है। रायपुर जिले में हाल ही में आयोजित तिमाही परीक्षा में आधे से अधिक विद्यार्थी असफल पाए गए। फिलहाल स्कूलों में मंथली टेस्ट चल रहे हैं, और शिक्षक सीमित समय में बच्चों को तैयार कराने की कोशिश कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर के पहले हफ्ते में तिमाही परीक्षा आयोजित हुई थी जो 11 अक्टूबर तक चली। परीक्षा खत्म होते ही शिक्षकों को (Education Impact Chhattisgarh) कार्यक्रम के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगा दिया गया। इससे स्कूलों की नियमित कक्षाएं बाधित रहीं। तिमाही परीक्षा के बाद से विद्यार्थियों की कक्षाओं में उपस्थिति भी लगातार घट रही है।
कक्षा ठप, शिक्षक फील्ड पर, पढ़ाई हुई मुश्किल
रायपुर समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में शिक्षकों (Education Impact Chhattisgarh) की कमी पहले से ही बनी हुई है। ऊपर से जब बड़ी संख्या में शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक ड्यूटी में भेज दिया जाता है, तो स्कूलों में पढ़ाई लगभग ठप हो जाती है। अनेक शिक्षक सुबह स्कूल पहुंचकर मुश्किल से एक-दो घंटे पढ़ा पाते हैं, फिर मतदाता सूची पुनरीक्षण के काम में लग जाते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं कि एसआईआर कार्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर किया जा रहा है, इसलिए शिक्षकों की तैनाती टाली नहीं जा सकती।
स्कूलों में दिवाली अवकाश और राज्योत्सव की व्यस्तता से भी कक्षाओं का समय कम हो गया है। स्कूल 28 अक्टूबर को दोबारा खुले, लेकिन दो नवंबर तक केवल पांच दिन ही कक्षाएं चल सकीं। अब नवंबर में मंथली टेस्ट शुरू हो गए हैं, ऐसे में विद्यार्थियों के पास अध्ययन का समय और भी घट गया है।
बोर्ड परीक्षा पर भी असर का डर
शिक्षाविदों का कहना है कि (Education Impact Chhattisgarh) जैसी स्थिति अगर लंबे समय तक रही तो इसका असर सीधे बोर्ड परीक्षा के नतीजों पर पड़ेगा। लगातार बाधित कक्षाओं से बच्चों की मूलभूत समझ कमजोर हो रही है। शिक्षकों का मानना है कि तिमाही परीक्षा के नतीजे इस बात का संकेत हैं कि बच्चों को नियमित मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा। आधे से ज्यादा छात्र फेल होना चिंताजनक है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि सरकार को जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था बनानी चाहिए, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े।
