सीजी भास्कर, 18 दिसंबर। भारत से हर साल लाखों लोग देश छोड़कर दूसरे देशों में अपनी नागरिकता (Indian Citizenship) ले रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने संसद को यह जानकारी दी है कि बीते 5 सालों में करीब 9 लाख से ज्यादा लोग भारत छोड़कर दूसरे देशों में सेटल हो गए हैं। साल 2022 से यह संख्या 2 लाख और ज्यादा बढ़ गई है। साल 2011 से 2024 तक कुल 20.6 लाख लोग भारतीय नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों में बस गए हैं, जिसमें गिनती बीते 5 सालों में ज्यादा तेजी से बढ़ी है।
क्या बोला विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय का कहना है कि पहले करीब 10 साल तक हर साल 1.2 लाख से 1.4 लाख लोग भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़ रहे थे। कोरोना काल के दौरान 2020 में यह आंकड़ा घटकर 85 हजार हो गया था, क्योंकि यात्रा संभव नहीं थी। इसके बाद जैसे ही पोस्ट-कोविड का दौर शुरू हुआ, तो इस संख्या में लगातार इजाफा होने लगा और हर साल 2 लाख से ज्यादा लोग भारत छोड़ने लगे।
(Indian Citizenship) भारत क्यों छोड़ रहे लोग
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसके पीछे वजहें अलग-अलग और व्यक्तिगत हैं, जो संबंधित व्यक्ति ही बेहतर तरीके से जानते हैं। ज्यादातर लोग निजी कारणों से विदेश शिफ्ट हो रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के इस दौर में वैश्विक अवसरों को भारत मान्यता देता है।
साथ ही एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि भारत में दोहरी नागरिकता की सुविधा नहीं है। नागरिकता कानून 1955 की धारा 9 के तहत यदि कोई भारतीय विदेशी नागरिकता लेता है, तो भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) स्वतः समाप्त हो जाती है। वहीं विदेशों में वोटिंग अधिकार, सोशल सिक्योरिटी, बिना रोक-टोक रहने की सुविधा, बेहतर नौकरियां और स्थायी ठहराव जैसी सुविधाएं सिर्फ नागरिकता मिलने पर ही संभव होती हैं।
कहां शिफ्ट हो रहे हैं भारतीय नागरिक
भारतीय नागरिक अपनी नागरिकता छोड़कर सबसे ज्यादा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट हो रहे हैं। इन देशों के पासपोर्ट ज्यादा प्रभावी माने जाते हैं और अवसर भी अधिक प्रदान करते हैं। साल 1970 से भारत में ब्रेन ड्रेन की समस्या चली आ रही है, जो 2020 के बाद और ज्यादा गंभीर होती नजर आई है।


