सीजी भास्कर 19 दिसम्बर UP Cough Syrup Controversy : उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रदेश की राजनीति में तीखी बयानबाज़ी देखने को मिली। कफ सिरप के अवैध कारोबार को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी को घेरते हुए साफ संकेत दिए कि शुरुआती जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
कफ सिरप केस में कार्रवाई की परतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से जहरीले और अवैध कफ सिरप की शिकायतें सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए। यह मामला एनडीपीएस कानून के तहत आने वाली औषधियों से जुड़ा है, जिनका निर्माण और वितरण केवल निर्धारित अनुमति के तहत ही किया जा सकता है।
SIT जांच और एजेंसियों की भूमिका
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य स्तर की SIT जांच कर रही है। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस और विशेष बलों की संयुक्त कार्रवाई में बड़े पैमाने पर तस्करी पर रोक लगाई गई है और कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
सपा पर सीधे आरोप, ‘शायराना’ तंज
मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जांच में पकड़े गए कुछ लोगों के राजनीतिक संबंध सामने आए हैं। इसी दौरान उन्होंने शायरी के अंदाज़ में टिप्पणी करते हुए कहा—“धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करते रहे,” और आरोप लगाया कि तस्वीरें अपराधियों के साथ हैं, सवालों के जवाब भी देने होंगे।
विधानसभा सत्र का एजेंडा तय
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सदन में विशेष चर्चा प्रस्तावित है। सरकार सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा रखती है।
अखिलेश यादव का पलटवार
दूसरी ओर, विपक्षी खेमे से आरोप लगाए गए कि कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई केवल प्रदेश नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय है। उनका कहना है कि इस नेटवर्क के तार कई राज्यों और सीमाओं से बाहर तक जुड़े हुए हैं।
सियासत बनाम जांच, निगाहें SIT पर
अब सबकी निगाहें SIT की रिपोर्ट पर टिकी हैं। सत्र के दौरान यह मुद्दा सदन में किस मोड़ पर पहुंचेगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल कफ सिरप मामला केवल स्वास्थ्य या कानून का नहीं, बल्कि सियासी बहस का केंद्र बन चुका है।


