सीजी भास्कर, 07 अक्टूबर। सीजी पीएससी के माध्यम से नायब तहसीलदार बनाने का झांसा दे पति पत्नी ने मिलकर दुर्ग के एक किसान को ठग लिया। उन्होने नौकरी के नाम पर साढ़े 29 लाख रुपए तो लिए लेकिन 9 साल बीत गए, नौकरी नहीं लगवाई। जब किसान ने रूपये वापस मांगे तो लगातार हीला हवाला करते रहे। अंततः ठगी की इस घटना के 9 साल बाद दुर्ग कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
दुर्ग कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि ग्राम मोहलाई दुर्ग निवासी किसान नोखेलाल सिन्हा ने शिकायत में बताया कि वो किसानी के साथ-साथ सीजी पीएससी की तैयारी करता है। मोहंदी निवासी रेखराज खेलवार और उसकी पत्नी भारती खेलवार ने उसके साथ साढ़े 29 लाख रुपए की ठगी की है। उन्होने नोखेलाल को सीजी पीएससी के माध्यम से नायब तहसीलदार के पद पर सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया। इसके बाद 29 लाख 50 हजार रुपए लेकर चयन नहीं कराया। जब नोखेलाल का चयन नहीं हुआ तो उसने अपने रुपए उनसे मांगे। इस पर उन्होंने देने से मना कर दिया। नोखेलाल ने बताया कि यह मामला वर्ष 2014-15 का है। उसी दौरान उसकी रेखराज खेलवार से जान पहचान हुई थी। रेखराज अपनी पत्नी भारती खेलवार के साथ पीड़ित के घर आना जाना करते थे। दोनों पति पत्नी ने लोक सेवा आयोग में अच्छी जान पहचान होने का दावा किया था। उन्होंने कहा कि वो उसका चयन सीजी पीएससी से नायब तहसीलदार के पद पर करवा देंगे। इसके लिए उन्होंने उससे 35 लाख रुपए की डिमांड की थी। बाद में 29.50 लाख रुपए उससे ले लिए मगर उसे नायब तहसीलदार नहीं बनाया। अब दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।