सीजी भास्कर 11 जुलाई हम किसी बड़ी दुकान या मॉल से कुछ भी सामान खरीदने के बाद अगर उसका बिल लेते हैं तो ये बिल पेपर रसीद के रूप में मिलता है. इस रसीद को हम आपने हाथ में लेते है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रसीदें कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ज़्यादातर शॉपिंग बिल्स थर्मल पेपर पर प्रिंट होते हैं, जिनमें BPA (Bisphenol A) या BPS (Bisphenol S) जैसे केमिकल का इस्तेमाल होता है.
ये केमिकल्स ही कैंसर से लेकर हार्मोन के बैलेंस बिगड़ने तक का कारण बन सकते हैं. आइए पहले जानते हैं कि थर्मल पेपर क्या होता है और कैसे ये बीमारियों का कारण बन सकता है.थर्मल पेपर एक कागज ही होता है. इस पर एक खास कोटिंग होती है. जब इस पेपर को प्रिंटर के जरिए निकाला जाता है तो प्रिंटर की गर्मी से ये कोटिंग रिएक्ट कर के टेक्स्ट बना देती है. जो बिल पर लिखा होता है. गर्मी से ये खास कोटिंग पेपर पर भी आ जाती है. इसमें BPA मौजूद होता हैं, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है.BPA एंडोक्राइन डिसरप्टर्स (Hormone Disrupting Chemicals) हैं. ये शरीर के हार्मोन सिस्टम में दखल डालते हैं.हार्मोन सिस्टम में गड़बड़ी से क्या होता है?
एसजीटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. भूपेश कुमार शर्मा बताते हैं कि बीपीए के संपर्क में आने सेहार्मोनल असंतुलन, विशेषकर एस्ट्रोजन स्तर में गड़बड़ी हो सकती है. इससेप्रजनन संबंधी परेशानियां जैसे PCOS, बांझपन यहां तक की स्तन या प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी रहता है. कई मामलों में ये थायरॉइड फंक्शन में गड़बड़ी का कारण भी बन सकता है. इसके अलावाबच्चों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, जैसे ADHD का रिस्क भी हो सकता है.किन लोगों को ज्यादा खतरा?BPA का असर हर किसी पर पड़ सकता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और किशोर इससे ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं.
बच्चों में तो ये रसायन मानसिक विकास पर असर डाल सकते हैं. ऐसे में इन रसीदों से बचना चाहिए.इन रसीदों से कैसे बचें?रसीद को सीधे हाथों से न छुएं, खासकर जब हाथ गीले होंअगर जरूरी न हो तो रसीद न लें, डिजिटल बिल (SMS या Email) लेंरसीद को खाने-पीने की चीज़ों के पास न रखेंबिल को बच्चों या गर्भवती महिलाओं से दूर रखेंबिल छूने के बाद हाथ धो लेंथर्मल रसीद को रिसाइकल न करें, क्योंकि इससे केमिकल्स अन्य उत्पादों में मिल सकते हैंक्या सभी रसीदें खतरनाक होती हैं?कुछ ब्रांड्स BPA-free पेपर का उपयोग करते है. इन पेपर्स में बीपीए का रिस्क कम होता है. जिससे बीमारियों का खतरा काफी कम रहता है.