भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ड्रग्स तस्करी, ब्लैकमेलिंग और अश्लील वीडियो के ज़रिए शोषण का संगठित रैकेट चलाया जा रहा था। इस रैकेट की सबसे सनसनीखेज बात यह है कि इसका सरगना कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का बेटा निकला।
विधानसभा पास वाली गाड़ी से पकड़े गए आरोपी
भोपाल पुलिस ने बीते दिनों गैमन मॉल के पास एक सफेद स्कॉर्पियो को रोका, जिस पर विधानसभा का पास लगा हुआ था। तलाशी के दौरान पुलिस ने गाड़ी में मौजूद यासीन अहमद और उसके भाई शवार अहमद को हिरासत में लिया। इनके पास से करीब 100 ग्राम मेफेड्रोन (MD ड्रग), एक अवैध पिस्टल और कई मोबाइल डिवाइस बरामद किए गए।
मोबाइल से खुला काले धंधे का राज
सबसे बड़ा खुलासा आरोपी यासीन के मोबाइल से हुआ, जिसमें कई महिलाओं और युवतियों के आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं। इन वीडियो में आरोपियों द्वारा नशा देकर शोषण किए जाने के दृश्य शामिल हैं। साथ ही, कई वीडियो में युवकों को बंद कमरों में पीटा जा रहा है — जो इस रैकेट की हिंसक कार्यशैली को दर्शाता है।
नशा नहीं, फैट बर्नर कहकर देते थे ड्रग्स
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी युवतियों को “फैट बर्नर सप्लीमेंट” बताकर नशे की लत लगाते थे। इसके बाद उन्हें ही ड्रग्स सप्लाई में इस्तेमाल किया जाता था। शुरुआती कार्रवाई में सैफुद्दीन और शाहरुख उर्फ आशु को पकड़ा गया था, जिनसे पूछताछ के बाद इस पूरे गिरोह का खुलासा हुआ।
राजनीतिक कनेक्शन से गरमाई सियासत
गिरफ्तार यासीन अहमद कोई आम युवक नहीं है। वह मध्य प्रदेश बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के वरिष्ठ नेता शफीक मछली का बेटा है। यही नहीं, विधानसभा पास वाली गाड़ी और कई नेताओं के साथ फोटो सामने आने के बाद पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है।
विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर यासीन की नेताओं के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए सीएम से जवाब मांगा है।
“क्या यह रैकेट किसी राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहा था? मुख्यमंत्री जी, जवाब दीजिए ताकि जनता को आपकी व्यवस्था पर भरोसा हो सके।” – जीतू पटवारी
पुलिस की अगली कार्रवाई क्या होगी?
भोपाल पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अब पूरे नेटवर्क को खंगालने की तैयारी में है। ड्रग्स सप्लाई चेन, पीड़ित लड़कियों की पहचान और वीडियो के डिजिटल फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।