सीजी भास्कर, 1 अगस्त : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने स्कूलों में बाल वाटिका से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के सेक्शन की अधिकतम सीमा और बुनियादी ढांचे को लेकर बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड ने नई अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि अब स्कूलों को उनके भवन के न्यूनतम कार्पेट एरिया के आधार पर अधिक सेक्शन खोलने की अनुमति दी जाएगी, जिससे जमीन की कमी से जूझ रहे शहरी और घनी आबादी वाले इलाकों के स्कूलों को राहत मिलेगी।
सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार उन्हें लगातार फीडबैक मिल रहा है कि कई स्कूलों में पर्याप्त जमीन तो है, लेकिन पुराने नियमों के चलते वे नए सेक्शन शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इससे छात्रों को प्रवेश के लिए दूरदराज के स्कूलों में जाना पड़ता है, जिससे उनके सामाजिक विकास, पारिवारिक समय और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही स्कूलों के समुचित विकास और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के क्रियान्वयन में भी बाधा आ रही है। सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि ये संशोधन सभी नए और पहले से संबद्ध स्कूलों पर लागू होंगे। विदेश में स्थित स्कूल इस नियम से बाहर रहेंगे।
अब क्षेत्रफल के अनुसार मिलेंगे सेक्शन
– प्रत्येक 400 वर्गमीटर न्यूनतम कार्पेट एरिया पर बालवाटिका से 12वीं तक तीन सेक्शन की अनुमति।
– अधिकतम 6,200 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले स्कूल को 48 सेक्शन तक मान्यता।
– नौवीं-10वीं और 11वीं-12वीं में सेक्शन की संख्या स्कूल में चल रहे कुल सेक्शनों के 1/14वां भाग ही हो सकेगी। उदाहरण के लिए यदि स्कूल में कुल 42 सेक्शन हैं तो कक्षा नौवीं-10वीं और 11वीं-12वीं में अधिकतम तीन-तीन सेक्शन ही चल सकेंगे।
कार्पेट एरिया के अनुसार अनुमत सेक्शन
न्यूनतम कार्पेट एरिया (वर्ग मीटर) – अधिकतम अनुमत सेक्शन
1400 – 13
3000 – 24
4200 – 33
5400 – 42
6200 – 48
48 सेक्शन तक के स्कूलों में ये सुविधाएं होंगी अनिवार्य
सीबीएसई ने स्कूलों में बुनियादी शैक्षणिक अवसंरचना के लिए न्यूनतम मानक भी तय किए हैं। अब हर 48 सेक्शन पर इन सुविधाओं का होना अनिवार्य होगा।
– 112 वर्ग मीटर में एक पुस्तकालय
– 54 वर्ग मीटर में विज्ञान प्रयोगशाला (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान), कंप्यूटर व गणित लैब
– 48 वर्गमीटर में हेल्थ वेलनेस रूम
– मल्टीपर्पज हाल या आर्ट, म्यूजिक, डांस रूम के लिए कम से कम 216 वर्गमीटर या 54 वर्गमीटर के चार अलग-अलग कक्ष।
– ब्रांच स्कूलों के लिए भी अलग मानक तय किए गए हैं, जिनमें आर्ट एंड क्राफ्ट्स लैब, लर्निंग सेंटर, दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष कक्ष शामिल हैं।