सीजी भास्कर, 10 अक्टूबर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल कोर्स में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए (Chhattisgarh Scholarship Initiative 2025) के तहत एक बड़ी सुविधा शुरू की गई है। अब इन छात्रों को शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में 1.98 लाख विद्यार्थियों के खातों में ₹84.66 करोड़ की राशि (Chhattisgarh Scholarship Initiative 2025) ऑनलाइन अंतरित की। यह डिजिटल पहल छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और सुशासन के प्रयासों को नई दिशा देती है।
प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक दोनों प्रकार की छात्रवृत्ति की किश्तें हर वर्ष जून, सितंबर, अक्टूबर और दिसंबर (Chhattisgarh Scholarship Initiative 2025) में ट्रांसफर की जाएंगी। पहले यह भुगतान वर्ष में केवल एक बार दिसंबर या फरवरी-मार्च में होता था। इससे विद्यार्थियों को शिक्षा के दौरान आर्थिक दिक्कतों से राहत मिलेगी और वे अपनी पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रख सकेंगे।
बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में शासन-प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया है। आज आश्रम-छात्रावासों के 1,86,050 विद्यार्थियों को ₹79.27 करोड़, जबकि पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12,142 विद्यार्थियों को ₹5.38 करोड़ की राशि (Chhattisgarh Scholarship Initiative 2025) सीधे उनके बैंक खातों में भेजी गई।
छात्रवृत्ति के ऑनलाइन भुगतान की शुरुआत मुख्यमंत्री साय ने 10 जून 2025 को की थी। तब प्री-मैट्रिक छात्रावासों को सत्र प्रारंभ से पहले ही प्रथम किश्त के रूप में ₹77 करोड़, पोस्ट-मैट्रिक छात्रों के लिए ₹8.93 करोड़ भोजन सहायता के रूप में जारी किए गए थे। इसके बाद दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8,370 विद्यार्थियों को ₹6.2 करोड़ की छात्रवृत्ति राशि (Chhattisgarh Scholarship Initiative 2025) अंतरित की गई थी।
इस कार्यक्रम में आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और विभागीय आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि — “राज्य सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी विद्यार्थी आर्थिक तंगी के कारण अपनी शिक्षा बीच में न छोड़े। अब छात्रवृत्ति सीधे खाते में पहुंचेगी, ताकि हर छात्र आत्मनिर्भर बन सके।”