सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। कोई नेपाल में जेन-जी यानी युवा पीढ़ी के प्रदर्शन को लोकतांत्रिक अधिकार बताने लगा तो किसी ने लद्दाख की हिंसा को इससे जोड़ दिया। मगर, भारत सरकार चाहती है कि जेन-जी और उसके बाद की पीढ़ियों जैसे जेन अल्फा और जेन बीटा को किसी भी तरह के भटकाव से बचाते हुए स्कूली स्तर पर उनमें लोकतंत्र की समझ विकसित की जाए। इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए पंचायतीराज मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर (Democracy Education) की शुरुआत की है।
इस योजना के तहत आदर्श युवा ग्राम सभा प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएंगी। प्रतियोगिताओं का उद्देश्य कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों को उनके संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करना है। छात्र यह समझेंगे कि वे अपनी समस्याओं और आकांक्षाओं को लोकतांत्रिक तरीके से कैसे उठाएं और इस प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी कैसे हो सकती है।
रायपुर (छत्तीसगढ़) : पंचायतीराज मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि इन प्रतियोगिताओं की शुरुआत केंद्रीय विद्यालयों से की जाएगी। चूंकि ग्रामीण भारत की जनसंख्या सबसे अधिक है और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की पहली सशक्त सीढ़ी है, इसलिए आदर्श युवा ग्राम पंचायत प्रतियोगिता की शुरुआत जवाहर नवोदय विद्यालयों और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों से की जाएगी। प्रतियोगिता की शुरुआत देशभर के एक हजार विद्यालयों से की जा रही है। इस पहल से ग्रामीण भारत के विद्यार्थियों में (Democracy Education) की समझ विकसित होगी।
जागरूकता के अभाव में अभी कम है ग्रामीण सभाओं में जन हिस्सेदारी
मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुशील कुमार लोहानी ने बताया कि आज जो छात्र स्कूलों में पढ़ रहे हैं, वह 18 वर्ष की उम्र के होते ही अपनी-अपनी ग्राम सभा के सदस्य भी बन जाएंगे। उनका अधिकार है कि वे ग्राम सभा की बैठकों में शामिल होकर गांव के विकास के मुद्दे उठाएं और संबंधित सरपंच या पंचायत अधिकारियों से प्रश्न करें। समस्याओं का समाधान कराएं।
चूंकि जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण लोगों की भागीदारी ग्राम सभाओं में कम होती है, इसलिए पंचायतीराज मंत्रालय ने आदर्श युवा ग्राम सभा प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रतियोगिता के दौरान काल्पनिक ग्राम सभा की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सरपंच, अधिकारी और ग्राम सभा के सदस्य होंगे। मुद्दे उठाए जाएंगे, विमर्श होगा, एजेंडा और मीटिंग मिनट्स तैयार किए जाएंगे। इस तरीके से छात्र (Democracy Education) का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे।
…ताकि भविष्य में युवा पीढ़ी समाज में अहम भागीदारी निभाए
इस प्रतियोगिता के लिए ‘मेरी पंचायत एप’ की तरह ही एक विशेष एप भी विकसित किया जाएगा, जिससे छात्र पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समझ सकें। भविष्य में ये छात्र समाज में अपनी भागीदारी निभाएंगे और अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझेंगे।
अतिरिक्त सचिव का मानना है कि इस पहल से गांवों में एक मजबूत जेन-जी तैयार होगी, जो लोकतंत्र की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझेगी। शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शुरू कर दिया गया है। पहले चरण के बाद यह माड्यूल राज्यों को दिया जाएगा ताकि वे भी इस प्रतियोगिता को अपने स्तर पर आयोजित कर सकें और इसे देशभर में पहुंचाने में सहयोग करें। इससे आने वाले वर्षों में ग्रामीण भारत में (Democracy Education) की नई नींव रखी जा सकेगी।