सीजी भास्कर, 15 अक्टूबर। नवा रायपुर, अटल नगर में बन रहा आदिवासी संग्रहालय-सह-स्मारक अब अपने अंतिम चरण में है। अंग्रेजी शासनकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य और बलिदान को समर्पित यह भव्य संग्रहालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्योत्सव के अवसर पर लोकार्पित किया जाएगा (Digital Tribal Museum)।
मुख्य सचिव विकास शील ने सोमवार को निर्माण स्थल का दौरा कर तैयारियों की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता, डिज़ाइन और सुरक्षा व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए संबंधित विभागों को अंतिम चरण के कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए।
डिजिटल तकनीक से सजेगा भारत का पहला आदिवासी संग्रहालय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर बन रहा यह संग्रहालय देश का पहला पूर्णतः डिजिटल आदिवासी संग्रहालय (Digital Tribal Museum) होगा। इसमें स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में हुए 14 प्रमुख आदिवासी विद्रोहों, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह की कहानियाँ अत्याधुनिक तकनीक से जीवंत की जा रही हैं। आगंतुक इन गैलरियों में प्रवेश करते ही उन ऐतिहासिक क्षणों को दृश्य, ध्वनि और प्रकाश प्रभावों के माध्यम से महसूस कर सकेंगे।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि संग्रहालय में प्रदर्शित सभी वस्तुएँ और दस्तावेज़ मूल स्वरूप में ही प्रस्तुत किए जाएँ, ताकि ऐतिहासिक सटीकता बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि ओरिएंटेशन रूम में दिखाया जाने वाला डॉक्यूड्रामा हल्बी, गोंडी और अन्य जनजातीय भाषाओं में तैयार किया जाए, जिससे स्थानीय समुदाय अपने इतिहास से जुड़ाव महसूस कर सके।
14 गैलरियों में अमर नायकों की गाथाएँ Digital Tribal Museum
शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में 14 गैलरियों का निर्माण किया गया है, जिनमें हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, और दो प्रमुख आंदोलनों झंडा सत्याग्रह तथा जंगल सत्याग्रह को विस्तृत रूप से दर्शाया गया है।
हर गैलरी में उस काल के वीर नायकों के संघर्ष, पारंपरिक वेशभूषा, युद्ध रणनीतियों और सामाजिक योगदान को डिजिटल रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। संग्रहालय में 3D एनीमेशन, प्रोजेक्शन मैपिंग और इंटरएक्टिव स्क्रीन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है।
Digital Tribal Museum प्रशासनिक समीक्षा और तैयारी की रूपरेखा
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने संग्रहालय के विषय-वस्तु और लोकार्पण की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के अनुसार सभी विभागों को समन्वयपूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। तैयारियों में सुरक्षा, स्ट्रीट लाइटिंग, रंग-रोगन, गार्डनिंग, विद्युत आपूर्ति और सौंदर्यीकरण कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
बैठक में संभागायुक्त महादेव कावरे, आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग, नगर निगम रायपुर, गृह निर्माण मंडल, ट्राइबल रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, अंत्यावसायी विकास निगम के अधिकारी, पुलिस और प्रशासनिक अमला उपस्थित रहा। सभी ने समन्वित रूप से तैयारी पूरी करने का भरोसा जताया।
सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन केंद्र के रूप में नई पहचान
यह संग्रहालय केवल एक ऐतिहासिक संरचना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा और जनजातीय अस्मिता का प्रतीक (Digital Tribal Museum) बनेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इसके लोकार्पण के बाद नवा रायपुर क्षेत्र राष्ट्रीय पर्यटन और शैक्षणिक अध्ययन का नया केंद्र बन सकता है।