सीजी भास्कर, 9 अक्टूबर। राजधानी रायपुर (Fake Property Registry Scam) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मृत महिला को जीवित दिखाकर उसकी जमीन पर फर्जी रजिस्ट्री कर दी गई। इस सनसनीखेज जमीन घोटाले में होटल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा और बीजेपी तेलीबांधा मंडल अध्यक्ष दलविंदर सिंह बेदी सहित सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी देने का मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने मृत महिला चमारिन बाई की पहचान छिपाकर उसकी जगह एक फर्जी महिला को “मुख्तियार” बनाकर पेश किया और वर्ष 1999 में जमीन की रजिस्ट्री करा दी। जबकि, मृत्यु प्रमाणपत्र (Fake Property Registry Scam) वर्ष 1980 का है। इस तरह फर्जी बैनामा के जरिये कई प्लॉटों की बिक्री कर दी गई और बाद में इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर वास्तविक मालिकों को उनकी ही जमीन पर निर्माण से रोका गया।
कारोबारी होरा पर पुराने मामलों में भी फर्जीवाड़े के आरोप
शिकायतकर्ता रिटायर्ड शिक्षक देवनाथ देवागन ने पुलिस को बताया कि गुरुचरण सिंह होरा, जो शहर में होटल कारोबारी (Fake Property Registry Scam) के रूप में जाना जाता है, ने अपने सहयोगियों रंजीत सिंह, मंजीत सिंह, इंदरपाल सिंह, हरपाल सिंह, अविनाश सिंह और बीजेपी नेता दलविंदर सिंह बेदी के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 506, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया है। बताया गया है कि जब भू-स्वामी अपने प्लॉट पर निर्माण शुरू करते थे, तो आरोपियों ने धमकी देते हुए पथराव किया और कहा कि “यह जमीन गुरुचरण भैया की है।”
भाजपा नेता का नाम आने से सियासी हलचल
इस मामले में बीजेपी तेलीबांधा मंडल अध्यक्ष दलविंदर सिंह बेदी (Fake Property Registry Scam) का नाम आने से सियासी गलियारों में हलचल है। सूत्रों के अनुसार, होरा और बेदी के बीच कारोबारी और राजनीतिक संबंध पुराने हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि राजनीतिक रसूख के चलते वर्षों से यह जमीन प्रकरण दबा दिया गया था। आवेदक ने बताया कि वर्ष 2005 और 2006 में न्यायालय (Fake Property Registry Scam) ने इन फर्जी रजिस्ट्रियों को निरस्त घोषित कर दिया था। बावजूद इसके, आरोपी पक्ष बार-बार कब्जा करने की कोशिश करता रहा। पुलिस को अब सभी दस्तावेज—रजिस्ट्री की प्रतियां, कोर्ट ऑर्डर और मृत्यु प्रमाणपत्र—प्रस्तुत कर दिए गए हैं।
मुख्य आरोपी: गुरुचरण सिंह होरा
पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सिविल लाइंस थाना (Fake Property Registry Scam) में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एफएसएल टीम को बुलाया गया है और सभी आरोपियों के बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस ने गुरुचरण सिंह होरा को मुख्य आरोपित बनाया है। जबकि रंजीत सिंह, मंजीत सिंह, इंदरपाल सिंह, हरपाल सिंह, अविनाश सिंह, दलविंदर सिंह बेदी उर्फ लवी बेदी सह आरोपित बनाए गए हैं।