सीजी भास्कर, 9 अक्टूबर। टावर लाइन प्रभावित किसानों का मुआवजा राशि निर्धारण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्रभावित किसान गुरुवार को कलेक्ट्रेट घेराव करने पहुंचे थे। किसान कलेक्टर से मुलाकात कराए जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक रखा था। इस दौरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता व जनपद सदस्य ढालेश साहू ने अचानक अपने शरीर के ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया (Farmer Protest Durg)। नजर पड़ते ही मौके पर मौजूद पुलिस जवान हरकत में आए और घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। इसके बाद ढालेश साहू सहित अन्य प्रदर्शनकारियों को कलेक्टर से मिलाया गया।
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि तीन दिन में प्रत्येक पंचायतों में प्रभावित किसानों और स्वीकृत मुआवजा राशि की सूची चस्पा कर दी जाएगी (Farmer Protest Durg)। ढालेश साहू ने बताया कि पीड़ित किसान इसके पहले चार बार प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं थे। गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान शरीर पर पेट्रोल उड़ेलने के बाद कलेक्टर से मुलाकात कराई गई।
टावर लाइन प्रभावित किसानों ने 9 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट घेराव की सूचना जिला प्रशासन को पहले से ही दे दी थी (Farmer Protest Durg)। प्रदर्शन में शामिल किसानों ने 400 केवी टावर लाइन परियोजना के मुआवजा में अनियमितता का आरोप लगाया है। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के 19 ग्रामों के लगभग 1650 किसान 400 केवी ट्रांसमिशन टावर लाइन परियोजना के तहत प्रभावित हैं।
किसानों ने मुआवजा वितरण में अनियमितता, मनमानी और पारदर्शिता का अभाव बताया है (Farmer Protest Durg)। किसानों का कहना है कि प्रशासन ने मुआवजा वितरण अधिनियम 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है तथा शासनादेश मार्च 2025 टावर बेस के 200 प्रतिशत और राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) के 30 प्रतिशत मुआवजा राशि में मनमाने ढंग से कटौती की गई है।
प्रभावित किसानों का आरोप है कि क्षेत्रीय तहसील कार्यालयों द्वारा बिना अधिसूचना जारी किए, बिना ग्रामसभा की सहमति और बिना सर्वे रिपोर्ट उपलब्ध कराए किसानों से जबरन हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं, जो पूर्णतः नियम विरुद्ध है (Farmer Protest Durg) और किसानों के अधिकारों का हनन करता है। किसानों की मांग है कि जिला प्रशासन अधिनियम 2013 के अनुसार मुआवजा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए और पुनः सर्वे कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करे।