सीजी भास्कर, 31 मई |
रायपुर में देर रात से सुबह तक तेज बारिश हो रही है। दुर्ग में भी बारिश के बाद मौसम ठंडा हो गया है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 3 घंटे के लिए रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यहां गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। बिजली गिर सकती है।
हालांकि मौसम विभाग का मानना है कि छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश की रफ्तार आज से धीमी हो सकती है। शाम के वक्त जरूर प्रदेश के कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। इसके चलते आज भी प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले प्रदेश में अपने नॉर्मल डेट से 16 दिन पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी है। जल्द ही इसके रायपुर पहुंचने की उम्मीद है।
दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा बरसा पानी
मानसून जल्द आने और सप्ताहभर पश्चिमी विक्षोभ और अन्य सिस्टम के कारण हुई बारिश ने मई को तरबतर कर दिया। प्रदेश के अधिकांश जिलों में मई के 30 दिनों में नॉर्मल से बहुत अधिक बारिश हो चुकी है। दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा 2788 फीसदी तक अधिक वर्षा हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक 29 में से चार जिलों में ही औसत से कम बारिश हुई है। गौरला-पेंड्रा-मरवाही के डेटा नहीं आए हैं। इस तरह 24 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
बस्तर संभाग के जिले भीगेंगे
प्रदेश में आज बस्तर संभाग के सभी जिलों में कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है। वहीं बाकी बचे जिलों के एक–दो जगहों पर बारिश की अनुमान है। मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है
बारिश की रफ्तार में लगातार हो रहा उतार-चढ़ाव
पिछले छह दिन में बारिश की रफ्तार भी फ्लक्चुएट होती रही है। जहां शनिवार को सिर्फ 12 इलाकों में ही हुई। इसके बाद रविवार को अलग-अलग जिलों के 50 से ज्यादा इलाकों में पानी गिरा। लेकिन सोमवार को सिर्फ 17 इलाकों तक ही बारिश सिमट गई। वहीं मंगलवार को 27 और बुधवार को 74 इलाकों में बारिश हुई है।
गुरुवार को सिर्फ 27 इलाकों में बारिश हुई है। वहीं शुक्रवार को 25 इलाकों में न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई। पिछले 24 घंटे की बात करें तो अधिक तापमान 38.6 डिग्री मुंगेली का रहा। वहीं सबसे कम तापमान 23.0°C पेंड्रा का रहा।
गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें
लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। यदि इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता है।