नई दिल्ली | 31 जुलाई 2025
गुरुग्राम लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और बिज़नेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को आज फिर राहत नहीं मिल पाई. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर फैसला अब 2 अगस्त तक टाल दिया गया है.
इस हाई-प्रोफाइल केस में रॉबर्ट वाड्रा समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है. मामला वर्ष 2008 में हरियाणा के गुरुग्राम में ज़मीन खरीद-बिक्री से जुड़ा है. ED ने चार्जशीट में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
क्या हैं रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप?
चार्जशीट के अनुसार, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में 3.53 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी और प्रोजेक्ट को पूरा किए बिना ही उसी जमीन को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया. ईडी ने वाड्रा और उनकी कंपनियों से जुड़ी 43 अचल संपत्तियां अटैच की हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 37 करोड़ रुपये आंकी गई है.
रॉबर्ट वाड्रा का बयान – “भले ही सब कुछ छीन लो, लेकिन मैं झुकूंगा नहीं”
कोर्ट की सुनवाई टलने के बाद वाड्रा ने मीडिया से कहा:
“मैं इस देश के लोगों के साथ हूं और सच के लिए लड़ता रहूंगा. ये सरकार बदले की भावना से मेरे खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. लेकिन जनता सच जानती है. मैं अपने परिवार और देश की सेवा करता रहूंगा.”
राहुल गांधी ने किया समर्थन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी रॉबर्ट वाड्रा के समर्थन में सोशल मीडिया पर बयान दिया था:
“मेरे जीजाजी को पिछले 10 सालों से लगातार परेशान किया जा रहा है. यह चार्जशीट भी उसी राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है. मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं. अंत में जीत सच्चाई की ही होगी।”
केस की पृष्ठभूमि
यह पूरा मामला 2018 में गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज FIR पर आधारित है. FIR में आरोप लगाया गया था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने ज़मीन डील में धोखाधड़ी की है. इसी FIR के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की और संपत्तियां जब्त कीं.
अगली सुनवाई
अब इस केस की अगली सुनवाई 2 अगस्त को निर्धारित की गई है. उस दिन कोर्ट तय करेगा कि चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं.