सीजी भास्कर, 24 सितंबर। जिले में खनिज माफिया के हौसले बुलंद हैं। वे खुलेआम रेत, मुरुम और चूना पत्थर का अवैध उत्खनन व परिवहन (Illegal Mining Raipur) कर सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं। खनिज विभाग ने अप्रैल से अगस्त के बीच 446 मामलों में कार्रवाई कर लगभग 1.82 करोड़ का जुर्माना वसूला है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह रकम माफिया की महज कुछ दिनों की कमाई के बराबर है।
रिकॉर्ड में क्या है?
कुल पकड़े गए मामले: 446
वसूली गई राशि: 1.82 करोड़
रेत से जुड़ी कार्रवाई: 15 उत्खनन, 56 भंडारण, 309 गाड़ियां
रेत से वसूली: 1.28 करोड़ से अधिक
मुरुम से जुड़ी कार्रवाई: 11 उत्खनन, 64 परिवहन मामले
मुरुम से वसूली: 26 लाख
अन्य खनिज (चूना पत्थर, मिट्टी, ईंट, कोयला): 62 गाड़ियां, 26 लाख जुर्माना
कार्रवाई क्यों नहीं रोक पा रही अवैध कारोबार?
खनिज विभाग की कार्रवाई केवल जुर्माना वसूलने तक सीमित है। माफिया (Illegal Mining Raipur) की गाड़ियां जब्त होती हैं, वे जुर्माना भरते हैं और फिर दोबारा अवैध कारोबार शुरू कर देते हैं। सख्त दंडात्मक कार्रवाई के अभाव में यह धंधा लगातार फल-फूल रहा है।
एनआरडीए भूमि का नुकसान
नवा रायपुर में एनआरडीए की जमीन से जितना मुरुम अवैध रूप से निकाला गया है, उसे भरने में ही सरकार को 100 करोड़ से अधिक खर्च करना पड़ेगा। वहीं, 20 जगहों पर स्टॉक की अनुमति होने के बावजूद 100 जगहों पर अवैध रेत बिक्री का धंधा चलता रहा।
हालात जस के तस
गौर करने वाली बात यह है कि 2019-20 में भी इतने ही मामले और जुर्माने (Illegal Mining Raipur) दर्ज किए गए थे। यानी पांच साल बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और खनन माफिया का नेटवर्क जस का तस बना हुआ है।
विभाग का पक्ष
प्राची अवस्थी, उप संचालक, खनिज रायपुर ने कहा: – “कार्रवाई नियमों के तहत की जा रही है। प्रविधान में जो लिखा है, उसी के मुताबिक जुर्माना लगाया जा सकता है। विभाग लगातार जांच और कार्रवाई कर रहा है।”
