भिलाई नगर, 25 जनवरी। दुर्ग जिले के हाउसिंग बोर्ड भिलाई स्थित श्रीराम हाईट्स कैलाश नगर निवासी अग्रवाल परिवार को दूसरे की जमीन अपना बताते हुए रजिस्ट्री करवाने वाले बीएसपी टाउनशिप सेक्टर-7 निवासी सिंह दम्पत्ति के खिलाफ प्राथमिक जांच के बाद जामुल पुलिस ने आज बीएनएस की धारा 319(2), 318(4) और 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया है।
आपको बता दें कि जितेंद्र अग्रवाल (52 वर्ष) की शिकायत पर यह अपराध पंजीबद्ध किया गया है। दरअसल मामला हाल फिलहाल के कुछ महीने पूर्व का है। सेक्टर-7 एवेन्यू ए, वार्ड 66 भिलाई निवासी परमजीत सिंह जोहल और उसकी पत्नी श्रीमती रविंदर कौर जोहल ने (खसरा नंबर 1548/59) 2400 वर्गफीट एवं (1548/60) 2400 वर्गफीट सहित कुल 4800 वर्गफीट के प्लांट को जितेन्द्र अग्रवाल, अनूप अग्रवाल और करिश्मा को अपनी जमीन बताकर छल और बेईमानी से धोखाधड़ी कर रोड रास्ते की जमीन को बिक्री कर दिया। कुल सौदा 52 लाख 80 हजार का था जिसकी रजिस्ट्री 28 अक्टूबर 2024 को हुई।
जितेंद्र अग्रवाल ने “CG भास्कर” को बताया कि वे परमजीत सिंह जोहल को करीबन 4-5 माह से जानते हैं। परमजीत ने उन्हें 2400-2400 वर्गफुट के दो प्लाट उदय सिंह के बाड़ी के पास कैलाश नगर कुरूद भिलाई दिखा कर उसे बेचने की मंशा जाहिर की थी। उन्होंने बताया कि 4800 वर्गफुट का प्लाट उनकी पत्नी रविन्दर कौर के नाम से है। बातचीत तय होने पर प्लाट नं. 17 का भाग खसरा नं. 1548/59 रकबा 1200 वर्गफीट को 13 लाख 20 हजार में अनूप अग्रवाल को 28 अक्टूबर 2024 को रजिस्ट्री करवाया। दूसरी रजिस्ट्री मेरे नाम जितेन्द्र अग्रवाल को प्लाट नं. 17 का भाग एवं खसरा नं 1548/60 का रकबा 1200 वर्ग फुट को उसकी पत्नी रविन्दर कौर ने करिश्मा अग्रवाल को 13 लाख 20 हजार रूपये में, प्लाट नं. 16 का भाग बताकर खसरा नं. 1548/60 का रकबा 1200 वर्गफीट जितेन्द्र अग्रवाल को रजिस्ट्री किया। इस तरह जमीन के बदले जोहल दम्पत्ति ने कुल 52 लाख 80 हजार रूपये की कीमत का प्लाट ब्रिकी किया।
अग्रवाल परिवार ने बताया कि 21 जनवरी 2025 को जब वो अपने प्लाट पर काबीज होने गए तो पता चला की वह प्लाट तो दीपमाला जायसवाल और थामस का है। जो प्लाट नंबर और खसरा नंबर का रकबा अग्रवाल परिवार को बेचा गया था, वह प्लाट 2010 में कटिंग हुआ था। उस समय यह खसरा नंबर वहां का रोड रास्ता की जमीन है जिसे परमजीत और उसकी पत्नी रविन्दर कौर जानते हुए दूसरे की जमीन दिखाकर धोखाधड़ी की। इसके लिए उन्होंने बाकायदा प्रतिस्थापित दीपमाला जायसवाल, मुरली जायसवाल और थामस की जमीन पर खड़े होकर फोटो खिंचवाकर अग्रवाल परिवार को विश्वास में लेकर बेइमानी से कुल 52 लाख 80 हजार रूपये रकम ले लिया है।
मामले का खुलासा होने पर जब अग्रवाल परिवार जोहल से मिला और रूपये वापस मांगे तो उन्होंने साफ कह दिया कि नहीं दूंगा जो करना है कर लो। अग्रवाल परिवार ने यह भी अंदेशा जताया कि जोहल दम्पत्ति कनाडा निकलने की फिराक में हैं। प्राथमिक जांच के बाद आज एफआईआर दर्ज कर जामुल पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है।