सीजी भास्कर, 09 अक्टूबर। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि Mayawati on Religious Politics (मायावती धार्मिक राजनीति पर) स्पष्ट रूप से मानती हैं कि स्वार्थी तत्व जनहित छोड़कर धर्म और देवी-देवताओं के नाम पर हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
धार्मिक मामलों पर ‘I Love’ की राजनीति गलत
मायावती ने कहा कि धार्मिक मुद्दों की आड़ में कुछ लोग ‘आई लव’ जैसी राजनीति कर रहे हैं, जो देश और समाज के लिए बेहद हानिकारक है। उनका कहना था कि Mayawati on Religious Politics का यह संदेश साफ है कि धर्म को राजनीति से जोड़ना देशहित के खिलाफ है और इससे केवल समाज में तनाव और टकराव पैदा होता है।
संविधान और परंपराओं के सम्मान की अपील
बसपा प्रमुख ने जोर देकर कहा कि देश को संविधान और धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वार्थ से प्रेरित राजनीति ने न केवल आम जनता का ध्यान भटकाया है, बल्कि समाज को भी बांटने का काम किया है।
पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र
अपने संबोधन में मायावती ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस घटना में कई महिलाओं का सिंदूर उजड़ गया, जो अत्यंत दर्दनाक है। Mayawati on Religious Politics के साथ ही उन्होंने सरकार को यह भी चेताया कि अगर उचित सुरक्षा इंतजाम होते, तो यह त्रासदी रोकी जा सकती थी।
विदेश नीति और व्यापार पर भी टिप्पणी
मायावती ने केवल धार्मिक राजनीति पर ही नहीं, बल्कि देश की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ पर चिंता जताई और प्रधानमंत्री को आगाह किया कि भारत को सतर्क रहना होगा। उनका कहना था कि देश की विदेश और आर्थिक नीतियां पूरी तरह जनहित पर आधारित होनी चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ पर।