सीजी भास्कर, 6 नवंबर। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में महिलाओं के साथ अभद्रता (MDU Women Harassment Case) के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महिला अधिकार कार्यकर्ता प्रिया असीजा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति और रोहतक एसपी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने दोनों से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मामले में आरोप है कि हरियाणा के एमडीयू परिसर में कुछ महिलाओं से कपड़े उतरवाने और माहवारी की पुष्टि के लिए फोटो खींचे जाने (MDU Women Harassment Case) जैसे अपमानजनक कृत्य किए गए। इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। असीजा ने आयोग को पत्र लिखकर कहा कि यह कृत्य न केवल महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन है, बल्कि यह अनुच्छेद 14 और 21 (MDU Women Harassment Case) के तहत मौलिक अधिकारों का भी हनन है।
शिकायतकर्ता ने आयोग से तत्काल जांच, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, पीड़िताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी संस्थानों में मासिक धर्म अवकाश से संबंधित स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
बढ़ी विश्वविद्यालय प्रशासन की मुश्किलें
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एमडीयू कुलपति और रोहतक एसपी से 14 दिनों के भीतर इस घटना पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिलाओं की गरिमा से खिलवाड़ जैसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है। वहीं, एमडीयू प्रशासन ने हरियाणा राज्य महिला आयोग को एक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है, लेकिन छात्र संगठनों ने इसे अधूरी बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और छात्राओं ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने मांगी राष्ट्रीय दिशा-निर्देश की व्यवस्था
महिला अधिकार कार्यकर्ता प्रिया असीजा ने अपनी शिकायत में कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल महिलाओं की निजता का उल्लंघन करती हैं, बल्कि यह सामाजिक रूप से शर्मनाक हैं। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया है कि वह देशभर के सभी शिक्षण संस्थानों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नीति-निर्देश बनाए। साथ ही, मासिक धर्म के दौरान छात्राओं और महिला कर्मचारियों को सम्मानजनक अवकाश नीति प्रदान करने की भी सिफारिश की है।
