दुनिया में सबसे ज्यादा उम्र में पिता बनने का विश्व रिकॉर्ड दो भारतीयों के नाम है। इनमें से एक हैं- हरियाणा के रामजीत राघव, जो 96 साल की उम्र में दूसरे बच्चे के पिता बने थे।
वह 94 साल की उम्र में पहली बार पिता बने थे। रामजीत दुनिया में सबसे उम्रदराज पिता बने। वह और उनकी 54 साल की पत्नी शकुंतला दो बच्चों के पेरेंट बनकर खुश हुए थे।
वहीं, राजस्थान के नानू राम जोगी भी 90 साल की उम्र में अपनी चौथी पत्नी 50 वर्षीय सबूरी से 21वें बच्चे के पिता बने थे। उनकी यह खबर पूरी दुनिया में सुर्खियों में रही।
रामजीत से पहले ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर के रहने वाले लेस कोले 92 साल की उम्र में नौवें बच्चे के पिता बने और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में वह दुनिया के सबसे उम्रदराज कानूनी पिता के रूप में दर्ज हैं।
इन तीन कहानियों ने दुनिया में इस सोच को मजबूती दी है कि पुरुष कभी बूढ़ा नहीं होता, उसकी बॉडी क्लॉक के साथ ‘पॉज’ नाम का शब्द कभी नहीं जुड़ता। जबकि महिलाओं में एक उम्र के बाद मेनोपॉज आ जाता है, जो उनकी मां बनने की क्षमता पर असर डालता है।
महिलाओं पर इस बात का दबाव होता है कि वे समय से मां बनने की जिम्मेदारी को पूरा करें, क्योंकि मां बनने के लिए महिलाओं के शरीर में कुदरती बॉयोलॉजिकल क्लॉक होती है।
पुरुष पर समय से पिता बनने का ऐसा कोई दबाव नहीं होता। जबकि सच ये है कि पुरुषों के लिए भी एक बॉयोलॉजिकल पैमाना है।
मतलब पुरुष किसी भी उम्र में पिता तो बन सकते हैं, मगर यह उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए न तो उनके स्वास्थ्य और न ही आने वाले बच्चे की सेहत के लिए सही होगा।
स्टडीज और एक्सपर्ट भी यह मानते हैं कि पुरुष के पिता बनने की सही उम्र 25 से 35 के बीच होती है।