सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों (NCRB Crime Report 2023) की तमाम कोशिशों के बावजूद अपराधियों के हौसले कम होते नहीं दिख रहे हैं। अपराध की दुनिया में एक ऐसा ट्रेंड सामने आया है, जिसने समाज और व्यवस्था दोनों को चिंता में डाल दिया है। आंकड़ों के नए खुलासे ने चौंका दिया है कि अपराधों में कमी नहीं, बल्कि बढ़ोतरी हो रही है।
सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि तकनीक के सहारे किए जा रहे अपराध (NCRB Crime Report 2023) सबसे तेज़ रफ्तार से बढ़ रहे हैं। लोगों को ठगने के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं और सुरक्षा तंत्र के प्रयासों को नाकाम करते नज़र आ रहे हैं।
यह खुलासा नई दिल्ली में जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट (NCRB Crime Report 2023) के मुताबिक साइबर अपराधों में 2022 की तुलना में 2023 में 31.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2022 में साइबर अपराधों के 65,893 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 86,420 हो गई। इनमें से लगभग 70 प्रतिशत (59,526) मामले धोखाधड़ी से जुड़े थे।
महिलाओं के विरुद्ध अपराधों (NCRB Crime Report 2023) में भी मामूली बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 2023 में कुल 4,48,211 मामले दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 4,45,256 था। इनमें सबसे अधिक मामले पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (1.33 लाख), अपहरण (88,605) और शीलभंग की नीयत से हमले (83,891) के थे। हालांकि दर लगभग स्थिर 66.2 प्रति लाख ही रही। बच्चों के विरुद्ध अपराध भी 9.2 प्रतिशत बढ़े। इनमें सबसे अधिक अपहरण (45 प्रतिशत) और यौन अपराध (38.2 प्रतिशत) शामिल रहे।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध अपराधों में 28.8 प्रतिशत और अनुसूचित जाति के विरुद्ध अपराधों में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आत्महत्या के मामलों में 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिनमें बीमारी प्रमुख कारण पाया गया। महाराष्ट्र और तमिलनाडु इस मामले में सबसे आगे रहे।
एनसीआरबी रिपोर्ट (NCRB Crime Report 2023) बताती है कि देश में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 2022 में 422.2 से बढ़कर 2023 में 448.3 हो गई। इसमें साधारण घायल करने के 21.3 प्रतिशत, दंगों के 13.2 प्रतिशत और दुष्कर्म के 9.2 प्रतिशत मामले शामिल रहे।