सीजी भास्कर, 08 अक्टूबर। डीकेएस अस्पताल में इलाज के दौरान मोबाइल चोरी होने और फिर उसके ज़रिए ऑनलाइन ठगी किए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर (Online Fraud Case) की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, रायपुर निवासी देबाराज बेहरा, जो मूलतः ओडिशा के रहने वाले हैं, नया रायपुर स्थित एक चश्मे की दुकान में काम करते हैं। 27 जून 2025 को काम करते समय उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और वे अचेत होकर गिर पड़े। सहकर्मी संतोषी साहू और अन्य लोगों ने उन्हें इलाज के लिए डीकेएस अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान 29 जून को उनके भाई लोकनाथ बेहरा और हेमराज बेहरा ओडिशा से रायपुर पहुंचे। उसी दौरान देबाराज का मोबाइल और पर्स हेमराज ने मेडिसिन टेबल की दराज में रख दिया था।
शाम करीब 6 बजे संतोषी साहू जब उन्हें देखने पहुंचीं तो मोबाइल गायब मिला। बाद में जांच करने पर पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल चोरी कर उसमें मौजूद फोन-पे ऐप (Online Fraud Case) का इस्तेमाल करते हुए उनके खाते से क्रमशः 1 जुलाई को ₹40,000 और 2 जुलाई को ₹22,800, कुल ₹72,800 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए।
अस्पताल में सुरक्षा पर उठे सवाल
इलाज से स्वस्थ होने के बाद देबाराज ने खाता जांचा और ठगी का पता चलते ही गोलबाजार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की है। फिलहाल पुलिस मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर रही है और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की डिटेल्स खंगाल रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, साइबर सेल (Online Fraud Case) की मदद से आरोपी की पहचान की जा रही है।
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर मरीज वार्ड से मोबाइल कैसे गायब हुआ और सुरक्षा कर्मी उस वक्त कहाँ थे। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने इस घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज (Online Fraud Case) पुलिस को सौंप दिए गए हैं।
पुलिस ने जारी की अपील
गोलबाजार थाना प्रभारी ने बताया कि इस तरह के मामलों में सावधानी बेहद ज़रूरी है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि अस्पताल, बस स्टैंड या सार्वजनिक स्थानों में अपने मोबाइल को अनलॉक हालत में न रखें। बैंक और यूपीआई एप्स में अतिरिक्त सुरक्षा फीचर (Online Fraud Case) जैसे PIN और फिंगरप्रिंट लॉक का उपयोग करें, ताकि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी से बचा जा सके।