सीजी भास्कर,11 octoberPM Janman Mobile Medical Unit Scam: तकनीकी मानकों की खुली अनदेखी
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री जनमन मोबाइल मेडिकल यूनिट योजना के तहत खरीदी गई 57 गाड़ियों में PM Janman Mobile Medical Unit Scam का खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय किए गए तकनीकी मापदंडों की अनदेखी करते हुए संचालक एजेंसी ने हर वाहन में लगभग 10 लाख रुपये का हेराफेरी किया। इस तरह कुल 5.7 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला।
गाड़ियों के घटिया मापदंड और डिजाइन
वर्ष 2020 में तय मानकों के अनुसार गाड़ियों की ऊंचाई 6.5 फीट और लंबाई 17-22 फीट होनी चाहिए थी। नई गाड़ियों में यह केवल 6 फीट ऊंची और 14 फीट लंबी पाई गईं। वजन भी 6,000 किलो की बजाय केवल 4,000 किलो है। गाड़ियों में मरीजों के लिए दो गेट की बजाय एक ही गेट है। ओपीडी, लैब, फार्मेसी और पेशेंट इंस्पेक्शन के लिए अलग-अलग कम्पार्टमेंट बनाने की बजाय एक ही स्पेस बनाया गया।
PM Janman Mobile Medical Unit Scam: गाड़ियों का उपयोग बंद, जांच धीमी
नवा रायपुर सेक्टर-19 की मल्टीलेवल पार्किंग में इन 57 में से 35 गाड़ियां खड़ी हैं और अभी तक उपयोग में नहीं लाई जा सकीं। अधिकारियों ने इन्हें सैंपल पास बताते हुए आपूर्ति आदेश जारी किया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गाड़ियां ग्रामीण इलाकों में सुचारु रूप से काम नहीं कर पाएंगी और आवश्यक चिकित्सा उपकरण फिट नहीं हो पाएंगे।
CGMSC और NHM के अधिकारी इस घोटाले पर मौन हैं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जांच जानबूझकर धीमी की जा रही है ताकि संचालक एजेंसी बची रहे।
योजना की मूल भावना पर प्रश्न
प्रधानमंत्री जनमन योजना का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना था। लेकिन मानक से छोटी और कमजोर गाड़ियों के चयन ने इस योजना को भ्रष्टाचार का माध्यम बना दिया। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गाड़ियों की जांच चल रही है, लेकिन विभाग को अभी तक कोई भी खेप औपचारिक रूप से प्राप्त नहीं हुई है।