सीजी भास्कर, 08 अक्टूबर। जेल में सजा काट रहे हत्या के एक बंदी (Prisoner Parole Case) ने पैरोल पर छूटने के बाद जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। बंदी ने जेल कर्मचारियों पर अवैध वसूली और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि फरारी के आठ महीने बाद उसने कलेक्टर कार्यालय में आत्मसमर्पण किया था, लेकिन पुलिस की लापरवाही के चलते उसे रात में थाने के बाहर छोड़ दिया गया, जहां से घर लौटकर उसने जहर पी लिया। फिलहाल, सिम्स अस्पताल में उसका इलाज जारी है।
मल्हार निवासी मुकेश कांत को कोर्ट ने हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी थी। पहले वह बिलासपुर जेल में सजा काट रहा था, बाद में वहां हुए एक झगड़े के बाद उसे अंबिकापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। अंबिकापुर जेल में बीमार पड़ने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इसी दौरान (Prisoner Parole Case) में वह प्रहरी को चकमा देकर पांच फरवरी को भाग निकला था।
कलेक्टर कार्यालय में किया आत्मसमर्पण
फरारी के आठ महीने बाद मंगलवार को मुकेश कांत अपनी पत्नी अमरीका बाई कुर्रे के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। उसने वहां जेल प्रशासन पर अवैध वसूली और प्रताड़ना के आरोप लगाए। उसकी पत्नी ने कलेक्टर को दी शिकायत में बताया कि उसने अंबिकापुर जेल के कई प्रहरियों के खातों में रुपये जमा कराए थे। पैसे नहीं देने पर उसके पति से मारपीट की जाती थी। महिला ने यह भी कहा कि उसके पति की जान को जेल में खतरा है और वहां किसी भी समय अनहोनी हो सकती है।
कलेक्टर ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सिविल लाइन पुलिस को बंदी को जेल वापस भेजने के निर्देश दिए। पुलिस ने उसे जेल में दाखिल करा दिया, लेकिन रात में जेल के कुछ कर्मचारी उसे दोबारा सिविल लाइन थाने लेकर आ पहुंचे। पुलिस ने उसे अपने पास रखने से मना कर दिया और जेल स्टाफ वहां से लौट गया। इसके बाद मुकेश थाने के बाहर कुछ देर टहलता रहा और फिर अपने रिश्तेदारों के साथ चला गया।
जहर खाने से बिगड़ी हालत
रात लगभग साढ़े दस बजे के करीब मुकेश ने अचानक जहर सेवन कर लिया। तबियत बिगड़ने पर परिजन उसे तत्काल सिम्स अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई है। पुलिस ने फिलहाल इस पूरे (Prisoner Parole Case) की जांच शुरू कर दी है।
इधर, मुकेश की पत्नी ने एक बार फिर जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अंबिकापुर जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और अपने पति की सुरक्षा की मांग की है।
जेल प्रशासन पर उठे सवाल
यह मामला एक बार फिर जेल व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में जेल स्टाफ द्वारा (Prisoner Parole Case) से जुड़ी कई प्रक्रियाओं में लापरवाही पाई गई है। जिला प्रशासन ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।